अनंद महिंद्रा ने 18 साल की शीतल देवी को स्कॉर्पियो N उपहार दिया

अनंद महिंद्रा ने 18 साल की शीतल देवी को स्कॉर्पियो N उपहार दिया

जब अनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमन ने 18‑वर्षीय शीतल देवी को कत्रा, जम्मू और कश्मीर में नई महिंद्रा स्कॉर्पियो N SUV उपहार में दी, तो देशभर में भावनाओं की लहर दौड़ गई। शीतल, जिन्होंने पैरालंपिक 2024 (पॅरिस) में मिश्रित टीम कंपाउंड आर्चरी में कांस्य पदक जीता, पहले 16 साल की उम्र में इस गिफ्ट का वादा सुना था लेकिन कानूनी ड्राइविंग उम्र तक इंतजार किया।

पिछला सफर: शीतल की प्रेरक कहानी

शेतल देवी का जन्म जम्मू के एक छोटे से गाँव में हुआ था। दो साल की उम्र में उन्होंने दोनों हाथ खो दिए, पर यह कभी उनके सपनों को रोक नहीं सका। उन्होंने अपने पैर से धनी और स्थिर बाण चलाने की अनोखी तकनीक विकसित की, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनका नाम चमका। 2022 के एशियन पैरालिम्पिक में उनका पहला बड़ा मुकाबला था, लेकिन तब भी उन्होंने सुना कि अनंद महिंद्रा का नाम उनके लिए एक आशा की किरण बन गया था।

  • 199 — 2021: बाड़े के पीछे पहला तीरंदाजी अभ्यास।
  • 2022: एशियन पैरालिंपिक में भागीदारी, लेकिन कोई मेडल नहीं।
  • 2024: पैरालिंपिक पॅरिस में मिश्रित टीम कंपाउंड में कांस्य।

उस जीत के बाद शीतल ने सामाजिक मीडिया पर लिखा, "जब मैं 16 साल की थी, तब मेरे परिवार ने बताया कि अनंद महिंद्रा सर मुझे कार देंगे। मैं ऑफ‑लाइन थी, सोच ही नहीं पाई—प्रैंक है क्या?"

गिफ्ट का विवरण: महिंद्रा स्कॉर्पियो N

महिंद्रा स्कॉर्पियो N भारत की सबसे लोकप्रिय SUV में से एक है। यह 2.0‑लीटर टर्बो पेट्रोल या 2.2‑लीटर डीज़ल इंजन से सुसज्जित है, 6‑स्पीड मैनुअल या ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन विकल्प के साथ। सस्पेंशन सिस्टम और टेरेन‑फ्रेंडली क्लियरेंस इसे पहाड़ी रास्तों के लिए उपयुक्त बनाते हैं—बिल्कुल शेतल के गाँव की कठोर सड़कें। शेतल ने कहा, "यह कार मेरे जैसे लोगों के लिये भी भरोसेमंद है, क्योंकि यह हर मोड़ पर ज़रूरी ग्रिप देता है।"

मुलाक़ात के पलों में भावनाएँ

कत्रा में आयोजित समारोह में अनंद महिंद्रा ने शीतल को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। उन्होंने अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, "मैंने @archersheetal की प्रतिभा को दूर से सराहा था। मिलने पर उनकी दृढ़ता, जुझारूपन और फोकस ने मुझे गहराई से छू लिया।" शेतल ने जवाब में एक तीर दिया, "यह मेरी पहचान का प्रतीक है—कोई बाधा नहीं, केवल लक्ष्य।" महिंद्रा ने इसे "बहुमूल्य" कहा।

दूसरे पक्ष की प्रतिक्रियाएँ

दूसरे पक्ष की प्रतिक्रियाएँ

शेतल की माँ और बहन ने भी अपने एंट्री में कहा, "परिवार में जो धैर्य और साहस है, वह शेतल में भी है। यह गिफ्ट उनके सपनों के सच होने का प्रतीक है।" स्थानीय अभियो क्ताओं ने बताया कि इस गिफ्ट से गाँव के युवाओं में खेल का उत्साह बढ़ेगा। वहीं, महिंद्रा ग्रुप के सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग ने कहा कि यह पहल कंपनी की "अवरोध‑रहित भारत" की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

भविष्य की दिशा: पारालिंपिक वाइडर इम्पैक्ट

शेतल का सफलता मॉडल अब राष्ट्रीय खेल एजेंसियों में चर्चा का विषय है। कई कोच ने कहा, "शेतल जैसी प्रेरणा नई पीढ़ी को परिभाषित करेगी कि शारीरिक सीमाएँ सिर्फ़ मन की बाधा हैं।" इस घटना के बाद भारत में स्पोर्ट्स स्कॉलरशिप और विशेष प्रशिक्षण सुविधाओं की मांग बढ़ गई है। अनंद महिंद्रा की इस पहल को देखते हुए कई अन्य उद्यमियों ने समान समर्थन की घोषणा की है।

आगे क्या?

शेतल अब स्कॉर्पियो N के साथ अपने गाँव के कठिन रास्तों पर फिर से अभ्यास करने जा रही हैं, और अगले वर्ष के एशियन पैरालिंपिक के लिए तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं। अनंद महिंद्रा ने कहा कि यह सिर्फ़ शुरुआत है, और वे भविष्य में और भी खेल‑संबंधित सहयोग योजनाएँ बना रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

शेतल देवी को कार मिलने से उनका करियर कैसे बदल सकता है?

कार से शेतल अब ग्रामीण इलाकों में आसानी से ट्रैवल कर पाएँगी, जिससे बेहतर कोचिंग सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के अवसर मिलेंगे। यह उनके प्रशिक्षण में निरंतरता लाएगा और युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करेगा।

अनंद महिंद्रा ने इस गिफ्ट का फैसला क्यों किया?

महिंद्रा ग्रुप का सामाजिक उत्तरदायित्व कार्यक्रम "अवरोध‑रहित भारत" का हिस्सा है। शेतल की सफलता ने अनंद महिंद्रा के अंदर गहरी प्रेरणा जागृत की, जिससे उन्होंने इस व्यक्तिगत उपहार को साकार किया।

स्कॉर्पियो N की कौन‑सी विशेषताएँ इसे पहाड़ी इलाके में उपयुक्त बनाती हैं?

स्कॉर्पियो N में 4x4 सिस्टम, हाई ग्राउंड क्लियरेंस, और टर्बो‑पेट्रोल/डिज़ल विकल्प हैं। ये फीचर तेज़ मोड़, धक्का‑सहायक पावर और मजबूत सस्पेंशन प्रदान करते हैं, जो कत्रा जैसी कसीवाली पहाड़ी सड़कों के लिए आदर्श हैं।

पैरालिंपिक 2024 में शेतल की जीत ने भारत में क्या बदलाव लाया?

शेतल की कांस्य जीत ने पैरालिंपिक खेलों की दृश्यता बढ़ाई, सरकारी और निजी संस्थाओं से नई फंडिंग और बुनियादी ढांचा समर्थन में वृद्धि हुई। साथ ही, कई स्कूलों ने समावेशी खेल कार्यक्रम शुरू किए हैं।

क्या अन्य कंपनियों ने भी समान पहल की घोषणा की है?

हाँ, इस महीने के अंत में कुछ बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों ने विशेष रूप से अद्वितीय क्षमताओं वाले खेलियों के लिए कस्टम वाहनों की पेशकश करने की योजना घोषित की है, जिससे शेतल जैसी प्रेरणादायक कहानियों को सशक्त बनाने का बीज बोया गया है।

10 टिप्पणि

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    Prakash Dwivedi

    सितंबर 29, 2025 AT 21:20

    अनंद महिंद्रा का यह कदम दिल को छू जाता है, जैसे किसी ने अँधेरे में रोशनी का एक बीकन जलाया हो। शीतल देवी की कहानी सुनकर मैं अक्सर अपनी आँखों में आँसू देखता हूँ। ऐसी प्रेरणा हमारे युवा वर्ग के लिए एक सच्ची दौलत है। यह दिखाता है कि सामाजिक उत्तरदायित्व सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि कर्म है।

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    Rajbir Singh

    अक्तूबर 4, 2025 AT 12:26

    सच्ची सफलता वही है जो कठिनाइयों के बाद भी आगे बढ़े, न कि केवल उन लोगों की जो टॉफ़ी की तरह प्रशंसा में बहते हैं। शीतल की कहानी हमें आत्मसमीक्षा करने की आवश्यकता दर्शाती है।

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    Swetha Brungi

    अक्तूबर 9, 2025 AT 03:33

    शीतल देवी का सफर वास्तव में एक दर्पण है, जिसमें समाज की कई अनुपस्थिति और संभावनाएँ प्रतिबिंबित होती हैं। दो साल की उम्र में दो हाथ खो देना कोई मामूली बात नहीं, फिर भी वह बाण चलाने की अनोखी तकनीक विकसित कर ली। यह दिखाता है कि शारीरिक बाधाएँ मन की बाधा नहीं बननी चाहिए। पैरालिंपिक में कांस्य जीत एक व्यक्तिगत उपलब्धि से कहीं अधिक, राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। इस जीत ने न केवल जम्मू-कश्मीर में, बल्कि पूरे भारत में पैरालिंपिक खेलों की दृश्यता को बढ़ाया। कई युवा अब इस बात को समझ रहे हैं कि असफलता के बाद भी कोशिश जारी रखनी चाहिए। महिंद्रा की इस पहल ने सामाजिक उत्तरदायित्व को व्यावहारिक रूप में दिखाया, जिससे कंपनी की "अवरोध‑रहित भारत" की घोषणा पुख्ता हुई। स्कॉर्पियो N जैसी SUV का त्वरित पहुँच शेतल को प्रशिक्षकों और बेहतर सुविधाओं तक ले जाएगा, जिससे उनका अभ्यास अधिक नियमित हो सकेगा। यह कड़ी न केवल शेतल के व्यक्तिगत विकास में सहायक होगी, बल्कि उनके गांव के अन्य प्रतिभाओं को भी प्रेरित करेगी। स्थानीय कोचों ने कहा है कि अब वे अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रशिक्षण देंगे। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में खेल कोष और बुनियादी ढांचा भी मजबूत होगा। कई नीति निर्माताओं ने इस केस स्टडी को ध्यान में रखकर नई स्कॉलरशिप योजनाओं की घोषणा की है। इस प्रकार, एक व्यक्तिगत उपहार ने कई सामाजिक परिवर्तन की लहर शुरू कर दी। शीतल की इस यात्रा से हमें यह सीख मिलती है कि दृढ़ता और समर्थन मिलकर बड़ी बाधाओं को हटाते हैं। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हर भारतीय को अपने भविष्य को आकार देने की शक्ति रखनी चाहिए। अंत में, यह कहना उचित रहेगा कि शीतल का मार्ग सभी के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बन सकता है।

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    ONE AGRI

    अक्तूबर 13, 2025 AT 18:40

    देश की महानता तब स्पष्ट होती है जब वह अपने विकलांग नागरिकों को भी सशक्त बनाता है, और इस वजह से मैं गर्व महसूस करता हूँ। स्कॉर्पियो N जैसी शक्ति-शाली वाहन हमारी राष्ट्रीय पहचान को आगे बढ़ाएगा। यह दिखाता है कि भारतीय कंपनियां केवल मुनाफे के पीछे नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी अग्रसर हैं। शेतल जैसी बहादुर युवतियों को समर्थन देना हमारी राष्ट्रीय नीति का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। इस पहल से गांव के युवा अपनी क्षमताओं को पहचानेगे और आगे बढ़ेंगे। कई लोग कहेंगे यह केवल एक शर्त है, परन्तु असली जीत तो तब है जब हर कठिनाइयों को पार करके लक्ष्य तक पहुंचा जाए। यह संदेश हमारे सैनिकों और खेल सितारों दोनों के लिए समान रूप से प्रेरक है।

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    Himanshu Sanduja

    अक्तूबर 18, 2025 AT 09:46

    वाक़ई में बहुत खुश हूँ।

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    Kiran Singh

    अक्तूबर 23, 2025 AT 00:53

    शेतल को इस नई कार के साथ बधाई! 🚗✨ यह उनके प्रशिक्षण को और बेहतर बनाएगा और हम सबको प्रेरित करेगा।

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    Balaji Srinivasan

    अक्तूबर 27, 2025 AT 16:00

    यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगी।

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    Vibhor Jain

    नवंबर 1, 2025 AT 07:06

    वाह, कितना दिल छू लेने वाला मोमेंट था-जैसे फिल्म का क्लाइमैक्स।

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    vikash kumar

    नवंबर 5, 2025 AT 22:13

    महिंद्रा द्वारा प्रस्तुत यह रणनीतिक पहल न केवल सामाजिक उत्तरदायित्व को उजागर करती है, बल्कि भारतीय औद्योगिक नवाचार के एक नए चरण का भी परिचय देती है।

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    Anurag Narayan Rai

    नवंबर 10, 2025 AT 13:20

    आधुनिक भारत में जब हम इस तरह की कहानियों को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सामाजिक समर्थन का महत्व कितना गहरा है। शेतल जैसी युवतियों को प्रदान किए जाने वाले अवसर न केवल व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि राष्ट्रीय एकजुटता को भी सुदृढ़ करते हैं। हर बार जब हम इस प्रकार की पहल देखते हैं, तो हमारी सामाजिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का स्तर उन्नत होता है। इस तरह के सहयोगी कदम से उद्योग और खेल दोनों क्षेत्रों में संतुलन स्थापित हो सकता है।

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