अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: 7 विशेष आसन, 7 नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, और अन्य उपलब्धियां

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: 7 विशेष आसन, 7 नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, और अन्य उपलब्धियां

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: नया अध्याय

21 जून 2024 को 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस दिन को विभिन्न स्थानों पर योग के माध्यम से स्वास्थ्य और समग्रता के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से मनाया गया। इस बार के योग दिवस की खासियत यह रही कि देशभर में कई रिकॉर्ड-सेटिंग प्रयास किए गए जिससे योग के प्रति जागरूकता और भी बढ़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में विशेष योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

बेंगलुरु में विशेष कार्यक्रम

बेंगलुरु में विशेष कार्यक्रम

बेंगलुरु के अक्षर योग केंद्र, जिसे हिमालयन सिद्ध द्वारा संचालित किया जाता है, ने इस अवसर पर 7 नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाने का प्रयास किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भारतीय सेना, वायु सेना, एनसीसी, कर्नाटक राज्य पुलिस और दिव्यांगजनों सहित विभिन्न पृष्ठभूमि के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

भू्मि तिवारी का रामदूत आसन

एशियाई योग चैंपियन भू्मि तिवारी ने इस अवसर पर रामदूत आसन में 35 मिनट 27 सेकंड तक का रिकॉर्ड बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उनका यह असाधारण प्रदर्शन योग के प्रति उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाता है।

चंडीगढ़ में विशेष कोशिशें

चंडीगढ़ में विशेष कोशिशें

पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में सबसे अधिक स्वास्थ्य कर्मियों के साथ योग करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। यह कार्यक्रम भी सफल रहा और इसमें स्वास्थ्य कर्मियों की भारी भागीदारी देखने को मिली।

समाज और आत्मा के लिए योग

समाज और आत्मा के लिए योग

इस वर्ष के योग दिवस की थीम 'योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी' थी। यह विषय हमें याद दिलाता है कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बल्कि समाज की भलाई के लिए भी महत्वपूर्ण है।

योग दिवस 2024 के तहत इन सभी उत्सवों का मुख्य उद्देश्य एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण करना था। विभिन्न स्थानों पर आयोजित इन गतिविधियों और आयोजनों से योग के प्रति लोगों में एक नई जागरूकता उत्पन्न हुई है। यह निश्चित है कि आने वाले सालों में भी योग दिवस इसी उत्साह के साथ मनाया जाता रहेगा और योग के माध्यम से जागरूकता और भी बढ़ेगी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस उत्सव ने न केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में योग के महत्व को पुनः स्थापित किया है।

14 टिप्पणि

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    Soham mane

    जून 23, 2024 AT 00:25
    योग तो हमारी जिंदगी का हिस्सा ही है, बस कभी-कभी इसे रिकॉर्ड बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
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    Manoranjan jha

    जून 23, 2024 AT 17:43
    बेंगलुरु में रामदूत आसन का रिकॉर्ड देखकर लगा जैसे कोई एक आदमी ने पूरी टीम का बोझ उठा लिया। भूमि तिवारी की मेहनत की तारीफ करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं।

    योग बस शरीर का व्यायाम नहीं, ये तो दिमाग की शांति का रास्ता है। जब तक हम इसे बस एक फिटनेस ट्रेंड नहीं समझ लेंगे, तब तक ये असली ताकत नहीं मिलेगी।

    मैंने खुद 12 साल से योग किया है, और जब भी दिमाग भारी होता है, तो सिर्फ ब्रीदिंग और ताड़ासन से ही बाहर निकल जाता हूं।

    इन रिकॉर्ड्स का मतलब ये नहीं कि अब हर कोई इतना करेगा, बल्कि ये दिखाता है कि अगर एक इंसान इतना समर्पित हो सकता है, तो दूसरे भी कर सकते हैं।

    हमें योग को दिखावे के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए लेना चाहिए।

    कर्नाटक पुलिस के साथ योग करने वाले दिव्यांगजनों को देखकर लगा जैसे शरीर की सीमाएं बाधा नहीं, बल्कि एक नया अवसर है।

    इस तरह के आयोजनों में स्वास्थ्य कर्मचारियों का शामिल होना बहुत अच्छा है, क्योंकि वो खुद योग का उपयोग करते हैं और फिर दूसरों को सिखाते हैं।

    योग एक ऐसा ज्ञान है जिसे तुरंत नहीं समझा जा सकता, बल्कि धीरे-धीरे अनुभव किया जाता है।

    अगर आपको लगता है कि योग सिर्फ ताड़ासन और भुजंगासन है, तो आपने इसे कभी गहराई से नहीं देखा।

    हमें रिकॉर्ड बनाने के बजाय रोज एक मिनट योग करने की आदत डालनी चाहिए।

    मैं अपने बच्चे को भी योग सिखा रहा हूं, और वो अब घर पर बैठकर आंखें बंद करके सांस लेने का अभ्यास करता है।

    ये छोटी शुरुआत ही बड़े बदलाव की नींव है।
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    ayush kumar

    जून 23, 2024 AT 19:13
    भूमि तिवारी ने जो किया वो कोई आसान बात नहीं थी! मैंने तो 5 मिनट में ही बैठकर चिल्लाना शुरू कर दिया था! ये इंसान तो शायद जीवन के लिए नहीं, बल्कि एक नया आध्यात्मिक अवतार बनने के लिए जन्मे हैं! वाह! वाह! वाह! इस रिकॉर्ड को देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए! भारत के लिए गर्व की बात है!
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    Rahul Kaper

    जून 25, 2024 AT 13:43
    रिकॉर्ड बनाना अच्छा है, लेकिन योग का असली मतलब तो वो है जब कोई अकेले अपने कमरे में सुबह बैठकर सांस लेता है और उसका दिमाग शांत हो जाता है। ये छुपा हुआ जादू है।
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    Neev Shah

    जून 25, 2024 AT 19:46
    हां, बेंगलुरु में रिकॉर्ड तो बनाया गया, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि योग का वास्तविक ज्ञान कहाँ है? ये सब तो सिर्फ एक राष्ट्रीय प्रचार अभियान है। गिनीज बुक में नाम आना योग की असली उपलब्धि नहीं है। असली योग तो उस व्यक्ति में है जो बिना किसी के देखे, बिना किसी के तालियों के, रोज सुबह ध्यान करता है। ये सब दिखावा है।
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    Chandni Yadav

    जून 26, 2024 AT 03:41
    यहाँ जो रिकॉर्ड बनाए गए हैं, उनमें से किसी एक के लिए भी वैज्ञानिक डेटा या नियंत्रित परिस्थितियों का उल्लेख नहीं किया गया है। योग के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए अप्रमाणित दावों का उपयोग करना वैज्ञानिक दृष्टिकोण के खिलाफ है। इस तरह के आयोजनों से वास्तविक स्वास्थ्य लाभ नहीं होते, बल्कि भ्रम पैदा होता है।
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    Raaz Saini

    जून 26, 2024 AT 16:49
    तुम सब योग को बहुत बड़ा बना रहे हो... लेकिन क्या तुम्हें पता है कि ये सब एक राजनीतिक धोखा है? योग को राष्ट्रीय आइकन बनाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। वास्तव में, योग का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, बस एक धार्मिक अभ्यास है जिसे राष्ट्रवाद के नाम पर बेचा जा रहा है। मैं तो इस बात को देखता हूँ कि ये सब एक बड़ा धोखा है।
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    Dinesh Bhat

    जून 27, 2024 AT 05:04
    क्या किसी को पता है कि रामदूत आसन के लिए शरीर की कौन-सी मांसपेशियां सबसे ज्यादा काम करती हैं? मैंने कभी इसे गहराई से नहीं देखा था। अगर कोई वैज्ञानिक लेख है जिसमें इस आसन के शारीरिक प्रभाव का विश्लेषण हो, तो शेयर कर सकते हैं?
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    Kamal Sharma

    जून 27, 2024 AT 22:59
    योग भारत की पहचान है, और इसे दुनिया भर में लोग मानते हैं। जब हम इसे रिकॉर्ड के तौर पर दिखाते हैं, तो दुनिया समझती है कि ये कोई बात नहीं है, बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक विरासत है। मैं इस दिन के लिए भारत के हर एक शहर के लोगों को धन्यवाद देता हूँ।
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    Himanshu Kaushik

    जून 29, 2024 AT 15:33
    मैंने अपने दादा से सीखा था योग करना। वो कहते थे, 'जब तक तुम खुद को नहीं जानते, तब तक तुम दुनिया को नहीं जान सकते।' आज भी वही बात याद आती है।
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    Sri Satmotors

    जून 30, 2024 AT 11:55
    योग से जुड़े हर एक व्यक्ति को शुभकामनाएं। ये सब एक बहुत अच्छा संदेश है।
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    Sohan Chouhan

    जुलाई 1, 2024 AT 15:02
    रिकॉर्ड बनाने वाले सब लोगों को बहुत बधाई! लेकिन अगर ये सब तो एक बड़ा बाजारी धोखा है तो? अरे भाई, योग तो बस एक ट्रेंड है जो सरकार ने बना दिया! अब हर कोई योग कर रहा है क्योंकि इंस्टाग्राम पर फोटो चल रही है! बस दिखावा है! असली योग तो अकेले में होता है और वो भी बिना कैमरे के!
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    SHIKHAR SHRESTH

    जुलाई 3, 2024 AT 09:55
    क्या आप जानते हैं कि रामदूत आसन में लगने वाला दबाव आमतौर पर कमर की रीढ़ की हड्डी पर 2.3 गुना अधिक होता है? और इसके लिए शरीर की स्थिरता के लिए गहरे गहन नियंत्रण की आवश्यकता होती है... ये रिकॉर्ड नहीं, ये एक अद्भुत शारीरिक अध्ययन है।
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    amit parandkar

    जुलाई 4, 2024 AT 06:02
    ये सब रिकॉर्ड... ये सब दिखावा... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये एक बड़ा सामूहिक मनोवैज्ञानिक अभियान है? योग को राष्ट्रीय निशान बनाकर लोगों को विचलित किया जा रहा है। असल में, योग के पीछे कोई गुप्त संगठन है... जो लोगों की सोच को नियंत्रित करना चाहता है। ये बस शुरुआत है... अगला कदम क्या होगा?

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