ब्राजील के मानवाधिकार मंत्री सिल्वियो अल्मेडा पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे
ब्राजील के मानवाधिकार मंत्री सिल्वियो अल्मेडा पर यौन उत्पीड़न के आरोप
ब्राजील के मानवाधिकार मंत्री सिल्वियो अल्मेडा के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर मामलों की जांच पुराने तौर-तरीकों और नए सिरे से की जा रही है। इन आरोपों ने न केवल ब्राजील बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में भी एक गंभीर चर्चा को जन्म दिया है।
'मी टू ब्राजील' के आरोप
यह मामला उस समय उछला जब 'मी टू ब्राजील' नामक संगठन ने कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायतें राष्ट्रिय मीडिया के सामने रखी। 'मी टू ब्राजील' एक ऐसा संगठन है जो यौन हिंसा के शिकार लोगों का समर्थन करता है और उनकी आवाज उठाने का काम करता है। इस संगठन ने यह खुलासा किया कि कुल 14 व्यक्तियों ने इन आरोपों की पुष्टि की है, और इसमें से एक मात्र नाम जो सबके सामने आया है वह है अनिएल फ्रांको। हालांकि, अनिएल फ्रांको ने सार्वजनिक रूप से इन आरोपों की पुष्टि या खंडन नहीं किया है।
राष्ट्रपति और प्रथम महिला की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति के कार्यालय ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया है और मामले का सख्ती और फुर्ती से निपटारा करने का आश्वासन दिया है। ब्राजील की प्रथम महिला, रोसंगेला डा सिल्वा ने इंस्टाग्राम पर अनिएल फ्रांको के साथ एक फोटो पोस्ट करके उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। इसे लेकर यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि सिल्वियो अल्मेडा को उनके पद से हटाया जा सकता है।
मंत्री सिल्वियो अल्मेडा की प्रतिक्रिया
मानवाधिकार मंत्री सिल्वियो अल्मेडा ने इन आरोपों को जोरदार ढंग से खारिज किया है और 'मी टू ब्राजील' से कानूनी सफाई की मांग की है। उनका कहना है कि ये आरोप तथ्य आधारित होने चाहिए, ना कि झूठ पर। अल्मेडा की माने तो, वे अपनी बात राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के सामने रखेंगे और अपनी सफाई देंगे।
सामाजिक सुधारों में मंत्रालय की भूमिका
हालांकि, यह मंत्रालय कुछ आलोचनाओं के घेरे में भी रहा है क्योंकि वह महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि निर्द्गार किशोरों की सुरक्षा, एलजीबीटीक़्यू अधिकारों को बढ़ावा देने में असफल रहा है। फिर भी, मंत्रालय हाल ही में राजनीतिक गायबियों की एक आयोग की पुनर्स्थापना के साथ एक बड़ी सफलता प्राप्त करने में सफल हुआ है।
महिला अधिकार मंत्रालय का समर्थन
महिला अधिकार मंत्रालय ने सिल्वियो अल्मेडा के आचरण की जांच शुरू की है और इन आरोपों की गंभीरता को स्वीकार किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में मुड़ता है।
यह खबर न केवल ब्राजील के भीतर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी विस्तारित हो रही है। जिस तरह से इस मुद्दे को निपटाया जाएगा, वह न केवल मंत्री सिल्वियो अल्मेडा के भविष्य को प्रभावित करेगा, बल्कि ब्राजील के मानवाधिकार मंत्रालय की कार्यप्रणालियों और साख पर भी गहरा प्रभाव डालेगा।
ayush kumar
सितंबर 8, 2024 AT 12:03Soham mane
सितंबर 10, 2024 AT 00:05Neev Shah
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