DCGI ने PresVu आई ड्रॉप्स को दी मंजूरी, प्रिस्बायोपिया ग्रस्त लोगों के लिए नई उम्मीद

DCGI ने PresVu आई ड्रॉप्स को दी मंजूरी, प्रिस्बायोपिया ग्रस्त लोगों के लिए नई उम्मीद

DCGI ने प्रिस्बायोपिया के लिए PresVu आई ड्रॉप्स को दी मंजूरी

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने प्रिस्बायोपिया से जूझ रहे लोगों के लिए एक नई शुरुआत की है। DCGI ने प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए PresVuआई ड्रॉप्स को मंजूरी दी है। प्रिस्बायोपिया एक आम उम्र-संबंधित दृष्टि समस्या है जो 40 वर्ष से ऊपर के लोगों को प्रभावित करती है। इस रोग के कारण नजदीकी वस्तुओं को साफ देखना मुश्किल हो जाता है।

Entod Pharmaceuticals का नवाचार

मुंबई स्थित Entod Pharmaceuticals को यह मंजूरी मिली है। कंपनी के सीईओ निखिल क मसुरकर ने बताया कि यह मंजूरी हमारी कंपनी के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे हम भारत में करोड़ों लोगों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा पाएंगे। यह आई ड्रॉप्स विशेष रूप से प्रिस्बायोपिया के इलाज के लिए पहली बार भारत में विकसित किया गया है।

भारत में और अन्य बाजारों में लॉन्च

भारत में और अन्य बाजारों में लॉन्च

Entod Pharmaceuticals अक्टूबर के पहले हफ्ते में PresVuको घरेलू बाजार में लॉन्च करने की योजना बना रही है। कंपनी अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे उभरते बाजारों में भी उत्पाद की मांग को पूरा करने की योजना बना रही है। कंपनी का ध्यान नवाचार पर है और वह अमेरिकी बाजार में भी उत्पादों का आउट-लाइसेंस करने पर जोर दे रही है।

प्रिस्बायोपिया: एक सामान्य दृष्टि समस्या

प्रिस्बायोपिया एक आम समस्या है जो उम्र के साथ विकसित होती है। यह समस्या मुख्यतः 40 वर्ष की आयु के बाद सामने आती है और धीरे-धीरे नजदीकी वस्तुओं को देखने में कठिनाई होने लगती है। विश्वभर में 1.09 से 1.8 अरब लोग इस समस्या से प्रभावित हैं।

भारत में दृष्टि सुधार के उपाय

भारत में दृष्टि सुधार पर ध्यान देने की अत्यधिक आवश्यकता है। नजदीकी दृष्टी में समस्या होने पर ज्यादातर लोग पढ़ने के चश्मे का सहारा लेते हैं। लेकिन PresVu आई ड्रॉप्स के आने से अब यह निर्भरता कम हो सकती है।

कंपनी का लक्ष्य और भविष्य की योजनाएं

Entod Pharmaceuticals सिर्फ स्वदेशी बाजार में ही नहीं, बल्कि अन्तराष्ट्रीय क्षेत्रों में भी अपने उत्पाद की पहुँच बढ़ाना चाहती है। उनका मकसद है कि उन क्षेत्रों तक दवाइयां पहुंचाई जाएं जहां अब तक पहुंचना मुश्किल है। कंपनी इनोवेशन के जरिए नए-नए उत्पाद विकसित करना चाहती है।

सेक समिति की सिफारिश

PresVu आई ड्रॉप्स को मंजूरी देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका सेंट्रल ड्रग्स स्टैन्डर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी की रही है। उनकी सिफारिश पर ही DCGI ने इस उत्पाद को हरी झंडी दी है।

चश्मे की निर्भरता को करेगा कम

PresVu आई ड्रॉप्स का मुख्य उद्देश्य है कि लोगों की चश्मे पर निर्भरता कम की जा सके। इससे लोगों को ना केवल आराम मिलेगा, बल्कि उनकी दिश दृष्टि में भी सुधार होगा।

उपभोक्ताओं के लिए राहत

इस नई दवा के आने से उपभोक्ताओं के बीच राहत की भावना है। उनकी नजर की समस्याएं जो पहले पढ़ने के चश्मे पर निर्भर थीं, अब कुछ हद तक कम हो सकती हैं।

महत्वपूर्ण आंकड़े

महत्वपूर्ण आंकड़े

भारत में दवा और चिकित्सा उपकरणों के विकास में नवाचार का यह कदम न सिर्फ देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नयी दिशा दे सकता है। इसके माध्यम से दवा कंपनीयों के लिए नए बाजारों का द्वार खुल सकता है।

17 टिप्पणि

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    ayush kumar

    सितंबर 6, 2024 AT 10:21
    ये ड्रॉप्स असल में काम करेंगे या फिर भी चश्मा ही रहेगा? मैंने पहले भी कई ऐसे दावे सुने हैं, जो फिर धुएं में बदल गए।
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    Soham mane

    सितंबर 6, 2024 AT 16:50
    अगर ये काम कर गया तो भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि हम क्या कर सकते हैं। इंडियन साइंस की जीत हुई!
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    Neev Shah

    सितंबर 8, 2024 AT 03:20
    इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद, क्या आप जानते हैं कि इस ड्रॉप का मैकेनिज्म नेट्रल रिसेप्टर मॉड्यूलेशन पर आधारित है? यह विश्व स्तर पर एक बहुत ही नवीन दृष्टिकोण है। बेशक, यह एक निकट भविष्य का विकास है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि यह व्यावहारिक रूप से अनुपयुक्त है।
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    Chandni Yadav

    सितंबर 9, 2024 AT 12:21
    इसकी क्लिनिकल ट्रायल्स का सैंपल साइज क्या था? कितने पैरामीटर्स पर टेस्ट किए गए? और लॉन्ग-टर्म साइड इफेक्ट्स का डेटा कहाँ है? यह बस एक और बाजार का झूठ है।
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    Raaz Saini

    सितंबर 11, 2024 AT 02:03
    अरे भाई, ये सब बकवास है। जब तक तुम चश्मा नहीं पहनोगे, तब तक तुम्हारी आँखें ठीक नहीं होंगी। ये ड्रॉप्स बस एक और धोखा है जिससे लोगों का पैसा निकाला जा रहा है।
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    Dinesh Bhat

    सितंबर 13, 2024 AT 00:32
    क्या इसका इस्तेमाल बच्चों पर भी हो सकता है? या यह सिर्फ 40+ के लिए है? बस थोड़ा क्लैरिफाई कर दो अगर कोई जानता है।
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    Kamal Sharma

    सितंबर 13, 2024 AT 06:47
    भारत ने फिर से दुनिया को दिखा दिया कि हम इनोवेशन के लिए तैयार हैं। ये ड्रॉप्स सिर्फ एक दवा नहीं, ये हमारी संस्कृति की शक्ति है। हम अपने आप को नहीं, दुनिया को बदल रहे हैं।
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    Himanshu Kaushik

    सितंबर 13, 2024 AT 10:40
    अच्छा हुआ। अब बुजुर्गों को चश्मा नहीं पहनना पड़ेगा। बहुत अच्छी बात है।
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    Sri Satmotors

    सितंबर 13, 2024 AT 22:47
    ये बहुत अच्छी खबर है। उम्मीद है कि ये सबके लिए सस्ता होगा और हर कोई इसका फायदा उठा पाएगा।
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    Sohan Chouhan

    सितंबर 14, 2024 AT 01:37
    Entod pharma? ओह बस एक और भारतीय कंपनी जो दुनिया को धोखा देने की कोशिश कर रही है। ये ड्रॉप्स बस एक और नैनोटेक है जिसका कोई साइंस नहीं है। डीसीजीआई भी फेक है।
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    SHIKHAR SHRESTH

    सितंबर 14, 2024 AT 23:53
    यह विकास बहुत प्रेरणादायक है। लेकिन इसकी उपलब्धि के बारे में जानकारी बहुत कम है। क्या इसकी कीमत आम आदमी के लिए स्वीकार्य होगी? क्या इसे आसानी से दुकानों पर मिल जाएगा? ये सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं।
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    amit parandkar

    सितंबर 15, 2024 AT 11:43
    ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है। डीसीजीआई और फार्मा कंपनियाँ एक साथ मिलकर लोगों को नया चश्मा बेचने की योजना बना रही हैं। ये ड्रॉप्स बस एक ढोंग है। आप जानते हैं कि ये अमेरिका के लिए बनाया गया है, न कि हमारे लिए।
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    Annu Kumari

    सितंबर 15, 2024 AT 17:08
    मैं अपनी माँ के लिए इसका इंतजार कर रही हूँ। वो रोज़ चश्मा भूल जाती हैं। अगर ये काम कर गया तो बहुत बड़ी मदद होगी।
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    haridas hs

    सितंबर 16, 2024 AT 00:14
    यह उत्पाद अभी तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है। डीसीजीआई की मंजूरी का अर्थ यह नहीं है कि यह वैज्ञानिक रूप से सत्यापित है। यह एक व्यावसायिक अवसर है, न कि एक चिकित्सीय उपलब्धि।
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    Shiva Tyagi

    सितंबर 16, 2024 AT 18:14
    हमारे देश में जब तक चश्मा नहीं बंद हो जाता, तब तक आँखों की समस्या नहीं दूर होगी। ये ड्रॉप्स बस एक और विदेशी तकनीक का नकली उपयोग है। भारत की आत्मनिर्भरता के लिए तो ये बेकार है।
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    Pallavi Khandelwal

    सितंबर 18, 2024 AT 01:29
    अगर ये ड्रॉप्स इतने अच्छे हैं, तो क्यों नहीं इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुसार अनुमोदित किया गया? क्या ये भारत में ही काम करता है? ये सब बस एक धोखा है।
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    ayush kumar

    सितंबर 18, 2024 AT 11:58
    अब ये लोग कहेंगे कि चश्मा बंद हो गया, लेकिन अब ये ड्रॉप्स का दाम 5000 रुपये हो जाएगा। हमारी आम आदमी की आँखों का भरोसा नहीं बचेगा।

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