दिल्ली कोर्ट ने भाजपा नेता द्वारा दायर मानहानि मामले में YouTuber ध्रुव राठी को किया तलब

दिल्ली कोर्ट ने भाजपा नेता द्वारा दायर मानहानि मामले में YouTuber ध्रुव राठी को किया तलब

दिल्ली कोर्ट ने भाजपा नेता द्वारा दायर मानहानि मामले में YouTuber ध्रुव राठी को किया तलब

दिल्ली की एक कोर्ट ने YouTuber ध्रुव राठी को मानहानि मामले में तलब किया है। यह मामला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुरेश करमशी नखुआ द्वारा दर्ज कराया गया है। नखुआ, जो कि भाजपा की मुंबई इकाई के प्रवक्ता हैं, ने शिकायत की थी कि राठी ने अपने वीडियो में उन्हें 'हिंसक और अपमानजनक' ट्रोल कहकर उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाया है। इस मामले में अदालत ने राठी को 19 जुलाई को समन जारी किया और सुनवाई की तारीख 6 अगस्त निर्धारित की गई है।

शिकायत का कारण और विवाद

यह विवाद तब प्रारंभ हुआ जब ध्रुव राठी ने 7 जुलाई को अपने YouTube चैनल पर 'माय रिप्लाई टू गोदी यूट्यूबर्स, एल्विश यादव' नामक एक वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो में उन्होंने सुरेश करमशी नखुआ को 'हिंसक और अपमानजनक' ट्रोल बताया। नखुआ का कहना है कि राठी ने बिना किसी कारण और तर्क के उन पर झूठे आरोप लगाए हैं। उनका यह भी कहना है कि राठी का यह वीडियो उनकी व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है। इस वीडियो को 24 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है और 2.3 मिलियन से अधिक लाइक्स मिल चुके हैं।

सार्वजनिक मंच पर आरोप

नखुआ ने शिकायत में दावा किया है कि राठी ने जानबूझकर इस वीडियो के माध्यम से उनकी साख को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। नखुआ का आरोप है कि इस झूठे आरोप के कारण उनकी साख को भारी क्षति हुई है और इसने उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी पर गहरा प्रभाव डाला है। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि राठी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।

ध्रुव राठी का पक्ष

वहीं, दूसरी ओर ध्रुव राठी ने अब तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन वह सोशल मीडिया पर अपने विचारों को खुलकर साझा करते रहे हैं और किसी भी अन्य YouTuber की तरह अपनी राय व्यक्त करते हैं। राठी ने अपने वीडियो में हमेशा कहा है कि वे तथ्यों और तर्कों के आधार पर बातें करते हैं। उनका मानना है कि किसी भी विषय पर चर्चा और आलोचना करना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन नखुआ की शिकायत के बाद यह देखना होगा कि इस मामले में वे क्या जवाब देंगे।

इस विवाद का प्रभाव

इस विवाद का प्रभाव

इस विवाद का प्रभाव केवल ध्रुव राठी और सुरेश करमशी नखुआ तक सीमित नहीं है। यह मामले समाज और मीडिया दोनों पर असर डाल रहा है। ध्रुव राठी भारतीय YouTube पर एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं और उनकी वीडियो को लाखों लोग देखते हैं। उनकी विचारशीलता और स्वतंत्र राय के कारण वे युवा पीढ़ी में खासे लोकप्रिय हैं। दूसरी ओर, सुरेश करमशी नखुआ भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता हैं और उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत है।

मीडिया में इस मुद्दे की प्रतिक्रिया

मीडिया में इस मुद्दे को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कई लोग ध्रुव राठी की स्वतंत्रता के समर्थन में हैं और मानते हैं कि किसी पर तर्कसंगत आलोचना करना स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा है। जबकि दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि किसी भी पब्लिक प्लेटफार्म पर आरोप लगाना सही नहीं है और यह अन्य व्यक्ति की प्रतिष्ठा को हानि पहुंचा सकता है।

आगामी सुनवाई

अगली सुनवाई 6 अगस्त को निर्धारित की गई है और इसमें यह देखने को मिलेगा कि अदालत इस मामले में क्या फैसला करती है। यह मामला भारतीय कानून और इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं के अधिकारों के बीच एक महत्वपूर्ण उदाहरण बनेगा। नागरिक अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें, यह सुनिश्चित करना अहम है, लेकिन यह भी ध्यान रखना आवश्यक है कि यह लोकतांत्रिक अधिकार दूसरों की प्रतिष्ठा और अधिकारों का अतिक्रमण न करे।

चाहे जो भी हो, इस मामले ने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के बीच के संघर्ष को सामने ला दिया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालती निर्णय क्या आता है और इसका समाज पर क्या असर पड़ता है। यह मामला भारतीय न्याय प्रणाली और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित होगा।

19 टिप्पणि

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    Himanshu Kaushik

    जुलाई 26, 2024 AT 16:26
    ये सब ट्रोलिंग का मामला नहीं, बल्कि एक आम इंसान की आजादी का मामला है। अगर कोई वीडियो बनाकर बात करे तो उसके खिलाफ कोर्ट में जाना कितना बेकार है।
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    Sri Satmotors

    जुलाई 28, 2024 AT 11:05
    हर कोई अपनी राय रख सकता है। बस इतना ही।
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    Sohan Chouhan

    जुलाई 29, 2024 AT 20:52
    अरे भाई ये ध्रुव राठी कौन है? एक यूट्यूबर ने एक नेता को ट्रोल किया और अब कोर्ट में जाना पड़ रहा है? ये देश ही क्या बन गया? अब तो बोलने के लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा!
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    SHIKHAR SHRESTH

    जुलाई 30, 2024 AT 01:21
    यहाँ दोनों पक्षों की बात समझनी चाहिए। एक तरफ स्वतंत्र अभिव्यक्ति, दूसरी तरफ व्यक्तिगत सम्मान। अदालत को इस बैलेंस को निकालना होगा।
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    amit parandkar

    जुलाई 30, 2024 AT 09:03
    इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है... ये सब एक तरह का सामाजिक नियंत्रण है। यूट्यूबर्स को चुप कराने की कोशिश हो रही है। आप देखोगे, अगला निशाना कोई जनता के खिलाफ बोलने वाला होगा।
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    Annu Kumari

    अगस्त 1, 2024 AT 04:09
    मुझे लगता है कि दोनों ओर से थोड़ी समझदारी चाहिए। नेता भी थोड़ा सहनशील बनें, और यूट्यूबर भी थोड़ा संयम रखें।
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    haridas hs

    अगस्त 1, 2024 AT 09:38
    इस मामले में अभिव्यक्ति के अधिकार के साथ-साथ अपमान के अधिकार का भी विश्लेषण किया जाना चाहिए। यह एक जटिल नागरिक अधिकार संघर्ष है जिसमें न्यायिक निर्णय एक प्रायोगिक विधि के रूप में निर्धारित होना चाहिए।
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    Shiva Tyagi

    अगस्त 1, 2024 AT 10:13
    ये यूट्यूबर्स क्या समझते हैं? हमारे नेता को ट्रोल करना देश के खिलाफ है। अगर ये लोग आज एक नेता को टारगेट कर रहे हैं, तो कल देश को टारगेट करेंगे। ये गद्दारी है!
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    Pallavi Khandelwal

    अगस्त 2, 2024 AT 09:46
    मैं तो बस देख रही थी कि ये वीडियो कितना वायरल हो रहा है... और फिर एक नेता ने कोर्ट में जाने का फैसला किया? ये तो बस एक शो है! अब तो देखोगे, ध्रुव राठी का नया वीडियो आएगा और वो भी वायरल हो जाएगा!
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    Mishal Dalal

    अगस्त 3, 2024 AT 22:18
    अगर ये वीडियो वायरल हुआ तो ये बताता है कि लोग झूठ को नहीं, असलियत को चाहते हैं। और जो लोग इसके खिलाफ हैं, वो खुद अपने अंदर की गलती को छुपा रहे हैं।
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    Pradeep Talreja

    अगस्त 5, 2024 AT 02:38
    यूट्यूबर्स को नहीं रोकना चाहिए। लेकिन उन्हें जिम्मेदारी से बोलना चाहिए। अगर बिना साक्ष्य के आरोप लगाए जा रहे हैं, तो वो गलत है।
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    Rahul Kaper

    अगस्त 5, 2024 AT 10:47
    मैं ये समझता हूँ कि यूट्यूबर्स के पास आवाज़ है। लेकिन नेता भी इंसान हैं। बस एक छोटी सी बात के लिए ये सब बन गया? इतना बड़ा मामला क्यों बनाया जा रहा है?
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    Manoranjan jha

    अगस्त 5, 2024 AT 22:19
    इस मामले का निर्णय भारत में डिजिटल अभिव्यक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेसीडेंट बन सकता है। अगर कोर्ट यूट्यूबर के पक्ष में हुआ, तो यह एक नया आधुनिक न्याय का निदर्शन होगा।
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    ayush kumar

    अगस्त 6, 2024 AT 17:36
    मुझे लगता है ये बहुत बड़ी बात है। अगर एक यूट्यूबर को इतना बड़ा मामला बनाया जा रहा है, तो क्या अगले दिन कोई आम इंसान भी इसी तरह लग जाएगा? ये डरावना है।
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    Soham mane

    अगस्त 7, 2024 AT 02:56
    अगर ये वीडियो देखने वालों को अच्छा लगा तो ये बताता है कि लोगों को असली बातें चाहिए। नेता को बस थोड़ा सहन करना चाहिए। दुनिया बदल रही है।
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    Neev Shah

    अगस्त 8, 2024 AT 08:28
    इस मामले को एक फिलोसोफिकल फ्रेमवर्क में देखना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्तिगत गौरव के बीच का तनाव आधुनिक लोकतंत्र के लिए एक अभिन्न अंग है। यह एक न्यायिक परीक्षण नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक चुनौती है।
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    Chandni Yadav

    अगस्त 8, 2024 AT 16:23
    यूट्यूबर्स को नियंत्रित करने की जरूरत है। वे अपनी बातें बिना किसी तथ्य के फैला रहे हैं। यह अनैतिक और अवैध है। इस तरह की आवाज़ को दमन करना जरूरी है।
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    Raaz Saini

    अगस्त 10, 2024 AT 00:56
    इसमें बहुत कुछ छुपा है। ये सब एक तरह का सामाजिक नियंत्रण है। जो लोग बोलते हैं, उन्हें चुप कराया जा रहा है। आप देखेंगे, अगले महीने ये बात और बड़ी हो जाएगी।
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    Dinesh Bhat

    अगस्त 10, 2024 AT 09:51
    मैंने वीडियो देखा है। ध्रुव ने बहुत संयम से बात की है। नेता की तरफ से ये प्रतिक्रिया बहुत ज्यादा है। शायद ये एक तरह का डर है कि लोग अब बातें करने लगे हैं।

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