गोवा में बर्च नाइटक्लब आग में 25 लोगों की मौत, 4 प्रबंधक और मालिक गिरफ्तार
शनिवार रात, गोवा के अरपोरा में Birch by Romeo Lane नाइटक्लब में एक लगभग असंभव रूप से भयावह आग लग गई — और 25 लोगों की जान चली गई। ज्यादातर लोग बेसमेंट में फंसे रह गए, दम घुटने से मृत्यु हुई, और कुछ शव एक के ऊपर एक पड़े मिले। ये सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि लापरवाही का नतीजा था — जिसकी कीमत जीवनों के रूप में चुकानी पड़ी।
आग का असली कारण: सिलेंडर ब्लास्ट और नियमों की नजरअंदाजी
अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आग का शुरुआती बिंदु नाइटक्लब के किचन में एक गैस सिलेंडर का फटना था। लेकिन ये ब्लास्ट अकेला नहीं था — इसके पीछे लगातार नियम तोड़ने की आदत थी। नाइटक्लब में आग बुझाने के लिए कोई स्प्रिंकलर सिस्टम नहीं था, आपातकालीन निकास रास्ते बंद थे, और गलियारे इतने संकरे थे कि दमकल गाड़ियां 400 मीटर दूर से ही पानी भरकर भेजने को मजबूर हुईं। इस बीच, लोग नाच रहे थे, बीयर पी रहे थे, और कोई नहीं जानता था कि अगर कुछ गलत हो जाए तो क्या करना है।
25 मृतकों की पहचान: एक देश के अलग-अलग कोने से आए लोग
मृतकों की सूची देखकर दिल टूट जाता है। इनमें उत्तराखंड के पांच युवा, नेपाल के चार कर्मचारी, महाराष्ट्र के दो डिजाइनर, उत्तर प्रदेश के रोहन सिंह — जो नेपाल से आया था और कानपुर में अपने मामा के घर रहता था — और झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल के लोग शामिल हैं। पांच पर्यटकों में से चार दिल्ली के थे, और उनमें से तीन एक ही परिवार के थे। एक परिवार ने छुट्टियां मनाने आया था, और वापस नहीं लौटा। ये कोई आम घटना नहीं, बल्कि एक देश के विविधता के दर्शन का अंत था — जहां एक अनुशासनहीन जगह ने सबको एक साथ खत्म कर दिया।
गिरफ्तारी और भागने की कोशिश: मालिक और प्रबंधन की जिम्मेदारी
गोवा पुलिस ने चार मैनेजमेंट टीम सदस्यों — चीफ जनरल मैनेजर, जनरल मैनेजर, बार मैनेजर और गेट मैनेजर — को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन असली जिम्मेदार वो थे जो इस पूरे सिस्टम को बनाते थे: सौरभ लूथरा और उनके भाई गौरव लूथरा। जब आग लगी, तो वे दिल्ली में छिप गए। दिल्ली पुलिस ने उत्तरी जिले के सब्जी मंडी इलाके में सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। गौरव की तलाश अभी जारी है। इसके बाद, Bollywood Banger Night के आयोजकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई। एक राज्य के लिए ये बेहद शर्मनाक है — जहां टूरिज्म का बिजनेस है, वहीं बेसिक सुरक्षा का ख्याल नहीं है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: मुआवजा और सीलिंग, लेकिन न्याय नहीं
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मृतक परिवारों को 5 लाख रुपए का मुआवजा घोषित किया। ये एक अच्छा कदम है — लेकिन क्या पैसा एक बेटे की जान वापस ला सकता है? गोवा शासन ने Romeo Lane के दो और आउटलेट्स को भी सील कर दिया है। एक रेस्तरां भी इसी कंपनी का है, जो सिविल लाइंस में चल रहा है। लेकिन इस तरह के निर्णय तब तक अधूरे हैं, जब तक कि इस तरह के खतरनाक व्यवसायों को लाइसेंस नहीं दिया जाता। गोवा में नाइटक्लब्स का बूम है, लेकिन सुरक्षा जांच कहां है? क्या कोई जांच करता है कि किसी के पास फायर सर्टिफिकेट है या नहीं?
क्या ये एक अकेली घटना है?
नहीं। 2017 में उत्तर प्रदेश के बरेली में एक नाइटक्लब में आग लगी थी — 15 लोग मारे गए। 2022 में अहमदाबाद में एक क्लब में लाइटिंग शॉर्ट सर्किट से 12 लोगों की मौत हुई। लेकिन हर बार एक ही बात होती है: एक शासन जो नाइटक्लब्स को टूरिस्ट आकर्षण के रूप में देखता है, लेकिन उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज करता है। इस बार भी लोगों ने सोचा कि ये सिर्फ एक रात का मज़ा है। अगली बार कौन जानता है? क्या आपका बेटा, बेटी, या दोस्त अगला नाम होगा?
क्या अब कुछ बदलेगा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया। लेकिन शोक तो हर बार होता है — जब तक कि कानून नहीं बदलता। अब गोवा सरकार को चाहिए कि वो सभी नाइटक्लब्स की अचानक जांच करे। किसी भी जगह पर गैस सिलेंडर का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाए। आपातकालीन निकास रास्ते जरूरी हैं। और ये नियम बनाने के बाद उनका पालन भी जरूरी है। वरना ये आग अगले हफ्ते कहीं और लग जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इस घटना में मृतकों की पहचान कैसे हुई?
मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट, दांत के निशान, और व्यक्तिगत वस्तुओं — जैसे फोन, जूते, और आइडेंटिटी कार्ड — के आधार पर की गई। गोवा के अस्पतालों और नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने एक साथ काम किया। उत्तर प्रदेश और नेपाल के नागरिकों के लिए अपने-अपने राज्यों के अधिकारियों ने भी सहायता की।
क्यों बेसमेंट में इतने ज्यादा शव मिले?
बेसमेंट में एक बड़ा डांस फ्लोर था, जहां रात के शुरू होने के बाद ज्यादातर लोग इकट्ठे हो गए। आग लगने के बाद ऊपरी मंजिल के रास्ते बंद हो गए, और बेसमेंट के एकमात्र निकास का दरवाजा बंद था। लोग भागने की कोशिश में एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए, जिससे शव एक के ऊपर एक पड़ गए। अग्निशमन विभाग ने यह भी पुष्टि की है कि बेसमेंट में कोई आपातकालीन लाइट नहीं थी।
क्या इस नाइटक्लब को लाइसेंस मिला था?
हां, लेकिन यह लाइसेंस बहुत संदिग्ध था। गोवा टूरिज्म डिपार्टमेंट के अनुसार, इसे एक "लाइव म्यूजिक वेन्यू" के रूप में अनुमति दी गई थी, जिसमें गैस सिलेंडर का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए था। लेकिन इसके किचन में तीन सिलेंडर लगे थे, और फायर सर्टिफिकेट अपडेट नहीं हुआ था। एक गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार, इसकी जांच 2023 में हुई थी, लेकिन कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई।
मालिकों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई होगी?
गोवा पुलिस ने सेक्शन 304A (कानूनी नजरअंदाजी के कारण मौत), सेक्शन 279 (खतरनाक ड्राइविंग की तरह खतरनाक व्यवहार), और फायर सेफ्टी एक्ट के तहत FIR दर्ज की है। अगर साबित हो जाए कि उन्होंने जानबूझकर नियम तोड़े, तो उन्हें दो से दस साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा, उनके संपत्ति जब्त की जा सकती है।
क्या अन्य नाइटक्लब्स में भी ऐसा हो सकता है?
बिल्कुल। गोवा में 70 से अधिक नाइटक्लब्स हैं, और लगभग 60% के फायर सर्टिफिकेट अपडेट नहीं हुए। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर के कई क्लब्स में भी यही समस्या है। लोग बाहरी लाइट्स और म्यूजिक पर ध्यान देते हैं, लेकिन बेसमेंट के दरवाजे पर नहीं। ये एक राष्ट्रीय समस्या है।
परिजनों को अब क्या मिलेगा?
मुआवजे के अलावा, गोवा सरकार ने बच्चों के लिए शिक्षा का खर्च उठाने का वादा किया है। जिनके परिवार में कोई आर्थिक स्त्रोत नहीं था, उन्हें रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश और नेपाल के अधिकारी भी अपने नागरिकों के लिए अतिरिक्त सहायता की घोषणा कर चुके हैं। लेकिन ये सब तब तक अधूरा है, जब तक कि जिम्मेदारों को सजा नहीं मिलती।