ईडेन कार्सन ने 2nd महिला ODI में 11 ओवर गेंदबाज़ी, इतिहास का पहला उल्लंघन

ईडेन कार्सन ने 2nd महिला ODI में 11 ओवर गेंदबाज़ी, इतिहास का पहला उल्लंघन

जब ईडेन कार्सन, 21‑साल की न्यूज़ीलैंड की दाएँ‑हाथ ऑफ‑स्पिनर, ने गैले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दूसरी महिला ODI के दौरान 11वें ओवर तक गेंदबाज़ी की, तो यह सिर्फ एक शानदार प्रदर्शन नहीं, बल्कि रिकॉर्ड‑बुक में नई एंट्री बन गई। यह घटना न्यूज़ीलैंड बनाम श्रीलंका महिला ODIगैल में हुई, जहाँ न्यूज़ीलैंड ने 116 रन से जीत दर्ज की। लेकिन नियम के मुताबिक कोई भी गेंदबाज 50‑ओवर में अधिकतम 10 ओवर ही गेंदबाज़ी कर सकता है, और इस बार अंक‑गणना में हुई चूक ने इसे 11 ओवर तक पहुँचाया।

मैच की पृष्ठभूमि और परिणाम

गैल में 30 जून 2023 को खेले गए इस दो‑तेरा महिला ODI का हिस्सा 2022‑2025 ICC महिला चैम्पियनशिप था। शुरुआती पारी में सोफी डिवाइन और अमेलिया केर ने रिकॉर्ड साझेदारी का निर्माण किया, जिससे न्यूज़ीलैंड ने मजबूत बेस बनायी। फिर चाहे मैदान के किनारे से धड़कते दिल हों या स्क्रीन पर देखते दर्शक, अंत में न्यूज़ीलैंड ने 41 रन पर 224/5 का स्कोर बनाकर श्रीलंका को 116 रन से मात दी।

अद्भुत ओवर‑गिनती त्रुटि

क्रिकेट में ओवर‑गिनती की निगरानी आम तौर पर स्कोर‑कीपर, ऑन‑फ़ील्ड अंपायर और तीसरे अंपायर की सामूहिक ज़िम्मेदारी होती है। इस बार, सभी तीनों ने ‘दस‑ओवर‑नियम’ को नजरअंदाज़ कर दिया। परिणामस्वरूप कार्सन को 11वाँ ओवर पूरा करने का अवसर मिला, जिसमें उसने 2 विकेट लिये लेकिन अतिरिक्त ओवर में कोई विकेट नहीं गिरा। "यह एक दुर्लभ चूक है," ने क्रिकेट विश्लेषक रॉबिन सिंगह कहा, "ऐसे टकराव में स्कोर‑कीपरों की दोहरी जाँच हमेशा जरूरी है।"

खिलाड़ी प्रोफ़ाइल और आँकड़े

ईडेन कार्सन ने घरेलू स्तर पर सेंट्रल हैंड्स और वेलिंगटन ब्लेज़ के लिए नियमित रूप से गेंदबाज़ी की है। अंतरराष्ट्रीय डेब्य के बाद से वह न्यूज़ीलैंड महिला क्रिकेट टीम की स्थायी सदस्य बनी हुई है। इस मैच में उसके आँकड़े थे: 11 ओवर, 41 रन, 2 विकेट – जो अब इतिहास में ‘11‑ओवर‑गेंदबाज़ी’ के रूप में दर्ज होगा।

प्राधिकरणों की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएँ

इस अनोखी घटना पर ICC (दुबई) ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया। हालांकि, न्यूज़ीलैंड क्रिकेट (NZC) ने बताया कि वे इस प्रकरण की पूरी जाँच करेंगे और भविष्य में ऐसी त्रुटियों को रोका जा सके, इसके लिए तकनीकी सुधारों पर विचार करेंगे। वहीँ श्रीलंका क्रिकेट (SLC) ने कहा कि मैच का परिणाम परिवर्तन नहीं किया जा सकता, क्योंकि टीमों के बीच अंतर बहुत बड़ा था।

ऐतिहासिक संदर्भ और संभावित प्रभाव

ऐसी ओवर‑लिमिट उल्लंघन पहले 1993 और 1995 के बीच की दो रिपोर्टेड घटनाओं में देखी गई थीं, लेकिन वे सभी पुरुष क्रिकेट में हुए थे। महिला क्रिकेट में यही पहली बार दर्ज हुआ है, जिससे आँकड़ाकारों और इतिहासकारों को नया डेटा वर्गीकरण अपनाना पड़ेगा। इसके अलावा, इस घटना ने तकनीकी सहायता, जैसे ‘डिजिटल ओवर‑काउंटर’ और ‘वॉचडॉग सॉफ़्टवेयर’ की आवश्यकता को उजागर किया है। क्या भविष्य में प्रत्येक ओवर के बाद स्वचालित रूप से अलर्ट भेजे जाएँगे? शायद यही अगला कदम हो।

  • मुख्य तथ्य: ईडेन कार्सन ने 11 ओवर गेंदबाज़ी की।
  • मैचा परिणाम: न्यूज़ीलैंड ने 116 रन से जीत हासिल की।
  • स्थल: गैल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, श्रीलंका।
  • संदर्भ: यह घटना महिला ODI में पहली बार दर्ज हुई।
  • अधिकारियों की स्थिति: ICC, NZC और SLC ने अभी तक कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्यों ईडेन कार्सन को 11वां ओवर मिला, जबकि नियम 10 ओवर ही तय करता है?

मैच के दौरान स्कोर‑कीपर और अंपायर दोनों ने ओवर‑गिनती पर नजर नहीं रखी। यह त्रुटि केवल खेल के अंत के बाद ही सामने आई, इसलिए उसी समय तक 11वां ओवर जारी रह गया।

क्या इस उल्लंघन से मैच का परिणाम बदला जा सकता है?

नहीं। नियम के तहत अगर उल्लंघन मैच के दौरान नहीं पकड़ा जाता, तो स्कोर आधिकारिक रहता है। न्यूज़ीलैंड की जीत 116 रन से बहुत बड़ी थी, इसलिए परिणाम में कोई बदलाव नहीं हुआ।

ICC ने इस घटना पर क्या कहा?

अभी तक ICC से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि, कई विशेषज्ञों ने कहा है कि भविष्य में डिजिटल ओवर‑कंट्रोल सिस्टम अपनाया जाना चाहिए।

इसे पहले महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोई ओवर‑सीमा उल्लंघन हुआ है क्या?

ऐसी कोई दर्ज हुई घटना नहीं है। 1993 और 1995 की दूरस्थ रिपोर्टें पुरुष ODI में थीं, इसलिए यह महिला क्रिकेट में पहली बार है।

भविष्य में इस तरह की त्रुटियों को रोकने के लिए कौन‑से कदम उठाए जा सकते हैं?

डिजिटल ओवर‑काउंटर, रीयल‑टाइम अलर्ट और अधिक कठोर स्कोर‑कीपिंग प्रशिक्षण जैसे उपाय संभावित हैं। कई बोर्ड अब इस दिशा में सॉफ़्टवेयर अपनाने की सोच रहे हैं।

20 टिप्पणि

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    Darshan M N

    अक्तूबर 24, 2025 AT 20:46

    वाकई में कार्सन की 11 ओवर वाली चूक दिमाग के हैंडशेक जैसा है, नियम तो साफ़ है पर फिर भी कहीं न कहीं चक्रव्यूह फँस गया।

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    manish mishra

    अक्तूबर 25, 2025 AT 13:26

    ये तो अबानुशासन का नया स्तर है 🙄 ICC को नज़र रखना चाहिए था, नहीं तो कब तक ऐसी झंझटें जारी रहेंगी? 😏

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    tirumala raja sekhar adari

    अक्तूबर 26, 2025 AT 06:06

    बहन के तौर पर एनी केस के बारे में सोचा तो, कभी कभी ऐसा लगता है कि सबकी ज़िंदगियां डाइविंग बोर्ड के जैसा ही लुढ़कती हैं, वेरिफिकेशन नहीं करनी सही होगी... शायद स्कोर‑कीपर ने भी नींद में झपकी ले ली होगी।

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    abhishek singh rana

    अक्तूबर 26, 2025 AT 22:46

    सही बात है, यही वजह है कि डिजिटल ओवर‑काउंटर अपनाने की सिफ़ारिश की गई है; इससे हर ओवर के बाद अलर्ट भेजा जायेगा, और कोई भी 10‑ओवर‑रूल तोड़ नहीं पाएगा।

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    Shashikiran B V

    अक्तूबर 27, 2025 AT 15:26

    उठोगा तो इस बात का सवाल ही नहीं कि ICC ने कब तक इस "पेशेवर" खेल को ऐसे फर्जी मारैन रिपोर्टों से बचाएगा, शायद यह सब कोई बड़ा साजिश है।

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    Sam Sandeep

    अक्तूबर 28, 2025 AT 08:06

    इसी तरह की चूक से पता चलता है कि न केवल तकनीक में खामियां हैं बल्कि प्रबंधन में भी गंभीर लापरवाही है।

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    Ajinkya Chavan

    अक्तूबर 29, 2025 AT 00:46

    यहाँ तक पहुंचने के लिए बहुत लोग मेहनत करते हैं, लेकिन ऐसी गलती का पुनरावर्तन न हो इस हेतु सभी को मिलकर सुधार करना चाहिए।

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    Ashwin Ramteke

    अक्तूबर 29, 2025 AT 17:26

    उल्लंघन का मामला यह दिखाता है कि रिकॉर्ड‑कीपर की भूमिका को अपडेट करना कितना आवश्यक है; ये टीमों की जीत-हार को गड़बड़ कर सकता है।

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    Rucha Patel

    अक्तूबर 30, 2025 AT 10:06

    ऐसे मामलों में हमेशा नज़र रखनी चाहिए कि जिम्मेदारी कहाँ है, नहीं तो इसी तरह के अंकों की गलतियों से विदेश में हमारी साख घटती जाएगी।

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    Kajal Deokar

    अक्तूबर 31, 2025 AT 02:46

    प्रकाशकों को इस घटना से सीख लेनी चाहिए और भविष्य में उसी तरह के उल्लंघन को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

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    Dr Chytra V Anand

    अक्तूबर 31, 2025 AT 19:26

    मुझे लगता है कि यह हमारे क्रिकेट प्रशासन के लिए एक चेतावनी है; हमें बेहतर तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लागू करना चाहिए ताकि ऐसा दोबारा न हो।

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    Deepak Mittal

    नवंबर 1, 2025 AT 12:06

    एक बात तो स्पष्ट है, अगर ICC ने इस घटना को नजरअंदाज किया तो यह भविष्य में और बड़े स्कैम का रास्ता खोल देगा।

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    Neetu Neetu

    नवंबर 2, 2025 AT 04:46

    बहुत मज़ेदार 🙃

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    Jitendra Singh

    नवंबर 2, 2025 AT 21:26

    ये तो एकदम अजीब बात है। नियम तो साफ़ लिखा है, पर फिर भी 10‑ओवर‑नियम को नजरअंदाज़ करने की हिम्मत किसकी हुई? वास्तव में यही सवाल उठता है कि कब तक हमें अंधाधुंध भरोसा रखना पड़ेगा कि खेल प्रबंधक अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हैं। पिच पर हर बॉल की गिनती एक सटीक विज्ञान होनी चाहिए, पर यहां लगता है कि स्कोर‑कीपर ने अपनी आँखों को बंद कर दिया। क्या यह सिर्फ एक गलती थी या फिर सिस्टम में बुनियादी खामियों का संकेत? कई बार ऐसा देखा गया है कि तकनीकी सहयोग की कमी से एम्बेडेड बग उत्पन्न होते हैं, और यही शायद इस बार हुआ। इस तरह की चूक से न केवल खेल की सत्यता पर सवाल उठता है, बल्कि दर्शकों की भरोसेमंदता भी घटती है। ICC को तुरंत एक ऑडिट शुरू करना चाहिए और सभी स्तरों पर डिजिटल सुपरविजन लागू करना चाहिए। अगर हर ओवर के बाद ऑटो‑अलर्ट सिस्टम काम करेगा, तो ऐसी चूक फिर नहीं होगी। साथ ही, अंपायरों को भी रियल‑टाइम फ़ीड देना आवश्यक है, जिससे वे खेल के किसी भी हिस्से को रिव्यू कर सकें। अंत में, हमें यह समझना चाहिए कि इस तरह की गलती खिलाड़ी की मेहनत को नष्ट नहीं कर सकती, लेकिन प्रशासन की विश्वसनीयता को क्षय करती है। इसलिए, सुधार सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि नैतिक भी होना चाहिए।

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    priya sharma

    नवंबर 3, 2025 AT 14:06

    इसी कारण से हम सबको मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसा फिर से न हो।

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    Ankit Maurya

    नवंबर 4, 2025 AT 06:46

    देश में खेल की प्रतिष्ठा को संवारने के लिए हमें ऐसे नियम उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।

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    Sagar Monde

    नवंबर 4, 2025 AT 23:26

    बहुत नाकाबिल

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    Sharavana Raghavan

    नवंबर 5, 2025 AT 16:06

    जैसे बोला, यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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    Nikhil Shrivastava

    नवंबर 6, 2025 AT 08:46

    क्या कहते हो, यह तो एक बड़ा सस्पेंस है! हर बार जब नियम टूटता है, तो उसके पीछे की कहानी और भी चौंका देती है।

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    Aman Kulhara

    नवंबर 7, 2025 AT 01:26

    समग्र रूप से, हम सभी को इस घटना को याद रखकर भविष्य में ऐसे त्रुटियों से बचने की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए; सबसे पहले डिजिटल ओवर‑कंट्रोल का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए, जिससे हर ओवर के बाद स्वतः अलर्ट जारी हो, और स्कोर‑कीपर तथा अंपायर दोनों को उसी समय सूचित किया जाये। यह प्रणाली न केवल मानवीय चूक को घटाएगी, बल्कि खेल की पारदर्शिता को भी बढ़ाएगी।

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