जीएन साइबाबा को तेलंगाना नेताओं ने दी श्रद्धांजलि: सामजिक और शैक्षणिक योगदान का स्मरण
अक्तू॰, 13 2024हाल ही में दिवंगत हुए प्रोफेसर जीएन साइबाबा, जो अपने समर्पण और अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्ध थे, उन्हें तेलंगाना के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। प्रोफेसर साइबाबा ने अपनी समस्त जीवन यात्रा में सामाजिक न्याय और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी असामान्य प्रतिबद्धता और कार्यकर्ता भावना ने बहुतों को प्रेरित किया। समाज के प्रति उनकी सेवा और अकादमिक जगत में उनका योगदान अतुलनीय है। तेलंगाना के शीर्ष नेताओं, नारायण और संबाशिव राव ने इन पहलुओं को उजागर करते हुए प्रोफेसर साइबाबा की विरासत का सम्मान किया।
प्रोफेसर जीएन साइबाबा एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने अपनी समर्पण भावना से समाजिक कार्यों में सक्रिय भागीदारी की। वे निरंतर सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने अपनी शैक्षणिक यात्रा में छात्रों के लिए उत्कृष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया और उनके विचारों ने समाज में एक नई जागरूकता लाई। वे अपने छात्रों और सहकर्मियों के लिए न केवल एक शिक्षक थे, बल्कि एक प्रेरक भी थे। नारायण और संबाशिव राव की उनकी मृत्यु पर की गई श्रद्धांजलि उनके प्रति गहरी सम्मान और प्रेम का प्रतीक है।
नारायण और संबाशिव राव ने प्रोफेसर साइबाबा की अद्वितीय नेतृत्व क्षमता और उनके सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर साइबाबा की उपस्थिति मानवीयता और करुणा से परिपूर्ण थी जो समाज के अनुकूल थी। उनके सामाजिक योगदान ने न केवल समाज के हाशिए पर पड़े लोगों की सहायता की बल्कि उन्हें सशक्त बनाने का कार्य भी किया। वे अक्सर हाशिए पर खड़े समुदाय के मुद्दों पर आवाज उठाते रहे और उनके जीवन के प्रति उनका दृष्टिकोण स्पष्ट था - 'सबके लिए समानता'।
तेलंगाना के नेताओं ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रोफेसर साइबाबा की नई पीढ़ी के छात्रों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे। शिक्षा के माध्यम से समाज में सुधार लाने की उनकी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने छात्रों को उनके आदर्शों को अपनाने और तदनुसार कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनके विविधतापूर्ण प्रयासों ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच जागरूकता और शिक्षा की अलख जगाई।
अंत में, नारायण और संबाशिव राव की श्रद्धांजलि प्रोफेसर जीएन साइबाबा की विरासत को समर्पित एक अनुपम आदरांजलि है। उनकी यह श्रद्धांजलि आने वाली पीढ़ियों को भी उनके रास्ते पर चलने के लिए प्रेरणा देने का कार्य करेगी। प्रोफेसर साइबाबा की विरासत शिक्षा और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में हमेशा जीवित रहेगी, उनके द्वारा दिए गए सिद्धांतों और नैतिकताओं के माध्यम से।