क्योंं Starbucks ने भारतीय मूल के Laxman Narasimhan को CEO पद से हटाया और उनके बाद क्या बदलेगा

क्योंं Starbucks ने भारतीय मूल के Laxman Narasimhan को CEO पद से हटाया और उनके बाद क्या बदलेगा

स्टारबक्स के CEO लक्ष्मण नरसिम्हन को क्यों हटाया गया?

स्टारबक्स ने भारतीय मूल के अपने CEO लक्ष्मण नरसिम्हन को उनके पद से हटा दिया है। नरसिम्हन ने लगभग एक साल और छः महीने पहले कंपनी की कमान संभाली थी। उनके कार्यकाल के दौरान, कंपनी को बिक्री में गिरावट और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही, एक्टिविस्ट निवेशकों का भी दबाव बढ़ता गया।

बड़ी मुश्किलों का सामना

नरसिम्हन ने हावर्ड शुल्ज की जगह ली थी, जिन्होंने कंपनी के प्रदर्शन को लेकर आलोचना की थी। नरसिम्हन के नेतृत्व में, स्टारबक्स के स्टॉक प्राइस में 20% से अधिक गिरावट दर्ज की गई, जो प्रमुख अमेरिकी और चीनी बाजारों में बिक्री घटने के कारण था। कंपनी को मध्य पूर्व से जुड़े बहिष्कार, चीन में सतर्क उपभोक्ता व्यय, और बढ़ती प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

अधिक प्रतिक्रिया

एक्टिविस्ट निवेशक जैसे ऐलियट मैनेजमेंट और स्टारबोर्ड वैल्यू ने स्टॉक प्राइस को बढ़ाने के उपायों की मांग की। इसके अलावा, नरसिम्हन के कार्यकाल के दौरान, स्टारबक्स का Workers United यूनियन के साथ टकराव हुआ, जो अमेरिका में 470 से अधिक स्टोर के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है। यूनियन ने स्टारबक्स पर LGBTQIA+ कर्मचारियों के प्रति पाखंडात्मक व्यवहार का आरोप लगाया और कंपनी को अदालत में ले गए।

ब्रायन निकोल की नियुक्ति

नरसिम्हन की विदाई के साथ, स्टारबक्स ने चिपॉटल के पूर्व CEO ब्रायन निकोल को नियुक्त किया है। निकोल को फास्ट-फूड श्रृंखला में नया जीवन देने के लिए जाना जाता है। उन्होंने मध्य-सेप्टेम्बर में अपनी नई भूमिका संभालने से पहले कंपनी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार संभाला। अंतरिम CEO की जिम्मेदारी ऐफ़ओ स्टारबक्स की CFO राचेल रुगगेरि के हाथ में होगी।

बाजार की प्रतिक्रिया

घोषणा के बाद, स्टारबक्स के शेयर में प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 14% से अधिक की वृद्धि देखी गई, जबकि चिपॉटल के शेयर में लगभग 9% की गिरावट आई। यह बदलाव स्टारबक्स के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और समय ही बताएगा कि निकोल कंपनी के प्रदर्शन और स्थायित्व को कैसे प्रभावित करेंगे।

अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियाँ

स्टारबक्स के लिए अमेरिका और चीन जैसे महत्वपूर्ण बाजारों में स्थिति सुधरना बहुत जरूरी है। कंपनी को चीन में सतर्क उपभोक्ता खर्च और USA में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, एक्टिविस्ट निवेशकों की ओर से स्टॉक प्राइस बढ़ाने का दबाव भी मुख्य चुनौती है। इस दबाव के चलते कंपनी को निरंतर सुधार और नवाचार की जरूरत है।

भावी योजनाएं

ब्रायन निकोल के नेतृत्व में, स्टारबक्स को अपने वैश्विक बाजार में स्थायित्व और वृद्धि करने की योजनाओं पर अधिक जोर देना होगा। नए रणनीतिक उपाय, विपणन पहल और कर्मचारियों के साथ बेहतर तालमेल कंपनी के आगामी प्रदर्शन को निर्धारित करेंगे।

नवीन पहलों की ओर

निकोल के आगमन के साथ, स्टारबक्स नई पहलों और विकास रणनीतियों पर जोर दे सकता है। उपभोक्ताओं के बदलते रुझानों के साथ तालमेल बिठाना, नए बाजारों में विस्तार और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग बढ़ाना कंपनी के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही, कर्मचारियों के साथ तालमेल बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने की भी जरूरत है।

नरसिम्हन की सीख

लक्ष्मण नरसिम्हन की विदाई के पीछे कई कारण हैं, लेकिन उनके कार्यकाल से कंपनी ने कई अहम चीजें सीखीं। आउटसोर्सिंग मॉडल, ग्राहकों के साथ बेहतर संबंध और अंतर्राष्ट्रीय बाजार की बारीकियों को समझना इनमें शामिल हैं।

आने वाले दिनों में हमें देखने को मिलेगा कि स्टारबक्स अपने नए नेतृत्व में किस प्रकार से अपनी स्थिति को मजबूत करता है और विकास की नई राहें खोजता है।

5 टिप्पणि

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    Manoranjan jha

    अगस्त 15, 2024 AT 04:10

    लक्ष्मण नरसिम्हन को हटाना एक बड़ी गलती थी। उन्होंने भारतीय बाजार के लिए कई नई चीजें शुरू की थीं, जैसे चाय वाले पेय और स्थानीय स्वाद वाले फूड आइटम। लेकिन निवेशकों को तो बस शेयर बढ़ाना था, न कि लोगों को जोड़ना।


    अमेरिका में तो वो फेल हुए, लेकिन भारत में उनकी वो नई स्टारबक्स वाली दुकानें बहुत लोकप्रिय हो रही थीं।

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    ayush kumar

    अगस्त 16, 2024 AT 09:11

    अरे भाई, ये तो बस एक नए बॉस के लिए बड़ा शो है। ब्रायन निकोल को चिपॉटल में बहुत बड़ा नाम बनाना पड़ा, लेकिन वहां तो कर्मचारी बस फास्ट फूड बनाते थे, यहां तो कर्मचारी भी एक्टिविस्ट बन गए हैं।


    यूनियन ने LGBTQIA+ के नाम पर बहुत दबाव डाला, लेकिन अगर ये सब तो बस एक ट्रेंड है तो इसके बाद भी तो एक नया ट्रेंड आएगा। अब ये देखना है कि निकोल कैसे इस बेवकूफी को संभालता है।


    हमारे यहां तो एक आदमी को लोग बहुत बढ़ाई देते हैं, और जैसे ही थोड़ा गिरावट आती है, तो उसे निकाल देते हैं। ये नेतृत्व का अंदाज़ है या बस एक नाटक?

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    Soham mane

    अगस्त 16, 2024 AT 14:39

    ये सब बातें तो बहुत बड़ी हैं, लेकिन सच तो ये है कि जब तक आपके पास एक अच्छी कॉफी नहीं है, तब तक आपके पास कोई नीति नहीं है।


    मैंने पिछले हफ्ते एक स्टारबक्स में जाकर देखा, उनकी नई गुलाबी चाय बहुत अच्छी थी। उसके बाद एक बच्चे ने अपनी माँ से कहा, 'मम्मी, ये वाली कॉफी बहुत अच्छी है।' वो बच्चा जो ये कह रहा था, वो अगली पीढ़ी है।


    कंपनी को बस इतना करना है कि वो कॉफी बनाए रखे। बाकी सब तो बस बातों का खेल है।

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    Neev Shah

    अगस्त 18, 2024 AT 07:55

    लक्ष्मण नरसिम्हन का निकाला जाना एक अत्यंत अप्रत्याशित घटना नहीं, बल्कि एक विश्वव्यापी नेतृत्व असमर्थता का उदाहरण है। उन्होंने वैश्विक बाजारों के सांस्कृतिक न्यूनतम आवश्यकताओं को समझने में विफलता दर्ज की, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता विश्वास में गिरावट आई।


    चीन में उपभोक्ता व्यय के अंतर्गत निहित आर्थिक विषमता और अमेरिका में श्रमिक संघों के साथ विवाद दोनों ही एक अधिक जटिल रणनीतिक असफलता के लक्षण हैं।


    ब्रायन निकोल की नियुक्ति एक व्यवहारिक चयन है, लेकिन उनकी चिपॉटल की विजय केवल एक व्यापारिक मॉडल की सफलता थी, जो स्टारबक्स के जटिल विश्वव्यापी संगठन के साथ संगत नहीं हो सकती।


    यह एक नियुक्ति नहीं, बल्कि एक निर्देश है कि निवेशकों के हितों को उपभोक्ता और कर्मचारियों के हितों के ऊपर रखा जाएगा। यह एक व्यापारिक निर्णय है, न कि एक नेतृत्व का निर्णय।


    अगले छह महीनों में हम देखेंगे कि क्या वे नए विपणन रणनीतियों में स्थानीय संस्कृति को समाहित करने की क्षमता रखते हैं, या फिर वे भी एक और निर्माण के लिए निकाल दिए जाएंगे।


    स्टारबक्स के लिए अब एक नई चुनौती है: क्या वे एक ब्रांड बने रहेंगे जो लोगों को जोड़ता है, या बस एक व्यापारिक उपकरण जिसका उद्देश्य केवल शेयर मूल्य बढ़ाना है?


    मुझे लगता है कि यह एक अंतर्राष्ट्रीय विवाद बन गया है, जिसमें निवेशक, कर्मचारी और उपभोक्ता सभी अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।


    यह सिर्फ एक कंपनी का बदलाव नहीं, बल्कि आधुनिक व्यापार के अंतर्गत शक्ति के संक्रमण का एक निदर्शन है।


    उनकी नीति अब तक एक बहुत ही उच्च बुद्धिमत्ता वाले विश्लेषण की आवश्यकता रखती है, जिसे केवल एक अनुभवी व्यवसायी ही दे सकता है।

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    Chandni Yadav

    अगस्त 18, 2024 AT 11:07

    यह निर्णय पूरी तरह से व्यावहारिक था। लक्ष्मण नरसिम्हन के कार्यकाल में कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन 18.7% गिरा, जबकि प्रतिस्पर्धी ब्रांड्स ने औसत 12.3% वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, उनके तहत कर्मचारी संतुष्टि सूचकांक 41% तक गिर गया, जो एक अस्वीकार्य स्तर है।


    एक्टिविस्ट निवेशकों के दबाव को अनदेखा करना एक गलती होती है, खासकर जब उनके पास 15% से अधिक हिस्सेदारी हो।


    ब्रायन निकोल के पास एक साबित हुआ हुआ अनुभव है जो निर्देशित लाभ और विपणन रणनीति के संयोजन से बाजार को पुनर्जीवित करने की क्षमता रखता है।


    यह एक व्यवसायिक निर्णय था, जिसमें भावनात्मक तर्क या सांस्कृतिक न्याय का कोई स्थान नहीं है।

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