लेफ्टिनेंट कर्नल मोहनलाल पहुँचे वायनाड: भूस्खलन पीड़ितों की मदद के लिए की आर्थिक सहायता की घोषणा

लेफ्टिनेंट कर्नल मोहनलाल पहुँचे वायनाड: भूस्खलन पीड़ितों की मदद के लिए की आर्थिक सहायता की घोषणा

लेफ्टिनेंट कर्नल मोहनलाल का वायनाड दौरा

प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता और मानद लेफ्टिनेंट कर्नल मोहनलाल ने शुक्रवार को वायनाड जिले का दौरा किया, जहां उन्होंने हाल ही में भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। अपने भारतीय प्रादेशिक सेना की वर्दी पहने, मोहनलाल ने वायनाड के मेप्पडी में सेना शिविर का दौरा किया और वहां की तबाही का आकलन किया।

राहत कार्यों में सेना और अन्य एजेंसियों के प्रयास की सराहना

मोहनलाल ने सेना, नौसेना, वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), अग्निशमन और बचाव दल सहित राहत और बचाव कार्यों में जुटे सभी संगठनों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बचाव कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की और इस त्रासदी की गंभीरता को समझा। उनकी उपस्थिति ने न केवल पीड़ितों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि वे सामाजिक जिम्मेदारी को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

आर्थिक सहायता की घोषणा

आर्थिक सहायता की घोषणा

मोहनलाल ने वायनाड में पुनर्वास कार्यों के लिए अपनी संस्था ‘विश्वशांति फाउंडेशन’ के माध्यम से 3 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की। इसकी साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर और धन की जरूरत पड़ी तो इसे भी उपलब्ध कराया जाएगा। उनकी यह सहायता पीड़ित समुदायों के लिए बड़ी राहत साबित होगी और पुनर्वास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

स्थानीय लोगों के साथ जुड़ाव

अपने दौरे के दौरान मोहनलाल ने स्थानीय निवासियों के साथ खास समय बिताया, उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें यथासंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि यह समय एकता का है और सभी को मिलकर इस संकट से उबरने के प्रयास करने चाहिए। उनकी संवेदनशीलता और सहानुभूति ने वहां के लोगों पर गहरा प्रभाव डाला।

फिल्मी सितारों की सामाजिक जिम्मेदारी

फिल्मी सितारों की सामाजिक जिम्मेदारी

मोहनलाल का यह दौरा यह भी दिखाता है कि फिल्मी सितारे केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज की बेहतरी के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उनके इस कदम ने अन्य फिल्मी सितारों और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एक मिसाल कायम की है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची प्रसिद्धि और स्टारडम तभी प्रकट होती है जब हम अपने समाज के कठिन समय में उसके साथ खड़े होते हैं।

भविष्य की योजनाओं की चर्चा

मोहनलाल ने संकेत दिया कि उनकी संस्था भविष्य में भी वायनाड और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को समर्थन देती रहेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में हर छोटे से छोटा योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है और हम सबको मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए।

मोहनलाल का यह दौरा और उनकी आर्थिक सहायता ने वायनाड के पीड़ितों को नई उम्मीद और ताकत दी है। उनके इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि सितारों का असली चमक केवल बड़े पर्दे पर नहीं, बल्कि उनके दिल की गहराइयों में होती है, जब वे अपने देश और समाज के साथ खड़े होते हैं।

15 टिप्पणि

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    Manoranjan jha

    अगस्त 4, 2024 AT 02:24

    मोहनलाल के इस कदम की तारीफ करने की जरूरत नहीं, ये तो एक अभिनेता का न्यूनतम कर्तव्य है। जब तक लोग अपनी प्रसिद्धि को सिर्फ फिल्मों तक सीमित रखेंगे, तब तक समाज को नुकसान होता रहेगा। इस तरह के नेतृत्व की जरूरत है।

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    haridas hs

    अगस्त 4, 2024 AT 21:00

    आर्थिक सहायता का आंकड़ा देखकर लगता है कि यह एक शो-पीस है। 3 करोड़? वायनाड में लाखों की जरूरत है। इस तरह की घोषणाएँ सिर्फ मीडिया के लिए होती हैं, न कि वास्तविक बदलाव के लिए।

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    Shiva Tyagi

    अगस्त 5, 2024 AT 15:50

    हमारे देश में ऐसे लोग ही असली नायक हैं-जो अपनी प्रसिद्धि का उपयोग देश के लिए करते हैं। नहीं तो वो जो बाहर जाकर देश की निंदा करते हैं, वो कौन हैं? मोहनलाल ने भारतीयता का सच्चा रूप दिखाया।

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    Pallavi Khandelwal

    अगस्त 6, 2024 AT 06:39

    अरे भाई! ये सिर्फ 3 करोड़ हैं? उनके एक फिल्म की बजट तो 100 करोड़ से ऊपर होती है! ये तो बस एक नाटक है-कैमरा चल रहा है, लोग देख रहे हैं, और वो अपना इमेज बना रहे हैं। असली दान करो, न कि घोषणाएँ करो!

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    Pradeep Talreja

    अगस्त 7, 2024 AT 03:35

    मोहनलाल ने सही किया। इस तरह के असली नेतृत्व की जरूरत है। बहुत से लोग बातें करते हैं, लेकिन कम से कम एक ने काम किया।

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    ayush kumar

    अगस्त 9, 2024 AT 00:03

    मैं वायनाड के एक गाँव से हूँ। हमारे यहाँ अभी तक नहीं आया कोई अधिकारी। लेकिन मोहनलाल आए, उन्होंने हमारे बच्चों के चेहरे देखे, उन्होंने हमें गले लगाया। ये कोई फिल्म नहीं, ये जिंदगी है।

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    Rahul Kaper

    अगस्त 9, 2024 AT 15:42

    इस तरह के दौरों की असली कीमत उस वक्त पता चलती है जब कैमरे बंद हो जाते हैं। अगर उनकी संस्था अगले 6 महीने तक यहाँ रहेगी, तो ही ये काम सार्थक होगा।

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    Raaz Saini

    अगस्त 10, 2024 AT 03:42

    अरे यार, ये तो सब फैक्ट बनाकर चल रहे हैं। क्या आपने जाँच की कि ये 3 करोड़ कहाँ गए? क्या ये सच में वायनाड में पहुँचे? या फिर ये सिर्फ एक प्रचार अभियान है? आप लोग तो बस इमोशनल ट्रिगर से जुड़ जाते हो।

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    Kamal Sharma

    अगस्त 11, 2024 AT 00:59

    मोहनलाल ने दिखाया कि मलयालम सिनेमा केवल बॉक्स ऑफिस नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। उनकी भाषा, उनकी भावनाएँ, उनकी जमीन से जुड़ाव-ये सब एक असली भारतीय का चेहरा है।

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    Soham mane

    अगस्त 12, 2024 AT 00:24

    इस तरह के लोग ही देश को आगे बढ़ाते हैं। बस एक छोटा सा नेता चाहिए जो बोले नहीं, बल्कि करे। मोहनलाल वो है।

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    Neev Shah

    अगस्त 13, 2024 AT 12:59

    एक व्यक्ति के द्वारा एक राहत कार्य को संचालित करना, जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की भूमिका है-यह एक निर्माणात्मक असमानता का प्रतीक है। जब निजी शक्ति सार्वजनिक अधिकारों के क्षेत्र में प्रवेश करती है, तो यह न केवल नागरिक अधिकारों का पुनर्वितरण है, बल्कि एक नए नैतिक आधार की शुरुआत है।

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    Himanshu Kaushik

    अगस्त 14, 2024 AT 01:23

    मोहनलाल बहुत अच्छे हैं। उन्होंने जो किया, वो सबके लिए अच्छा है। धन्यवाद।

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    Dinesh Bhat

    अगस्त 15, 2024 AT 12:55

    क्या ये धन सिर्फ भवन बनाने के लिए है? या इसका इस्तेमाल जमीन को बचाने, बाढ़ के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए भी होगा? ये जानना जरूरी है।

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    Mishal Dalal

    अगस्त 17, 2024 AT 04:58

    मोहनलाल ने जो किया-वो एक अभिनेता का कर्तव्य नहीं, एक मनुष्य का कर्तव्य था! और जो लोग इसे शो कहते हैं, वो खुद कभी एक आँख बंद करके भी नहीं देखते! वो बस बाहर बैठे हैं, और अपने फोन पर लिख रहे हैं-'क्या ये सच है?' अरे भाई, जब तक तुम वहाँ नहीं जाते, तब तक तुम्हारी बात का कोई मतलब नहीं!

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    Chandni Yadav

    अगस्त 17, 2024 AT 17:29

    यह घोषणा एक उदाहरण है कि कैसे निजी धन के माध्यम से राज्य के कर्तव्यों को अनदेखा किया जा रहा है। जब नागरिकों के लिए सार्वजनिक निधि की जगह एक अभिनेता की निजी संस्था का उपयोग हो रहा है, तो यह लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक निशान है।

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