नरेंद्र मोदी और द्रौपदी मुर्मु ने 93वें वायु सेना दिवस पर विशेष बधाई दी

नरेंद्र मोदी और द्रौपदी मुर्मु ने 93वें वायु सेना दिवस पर विशेष बधाई दी अक्तू॰, 9 2025

जब नरेंद्र मोदी, भारत के 14वें प्रधानमंत्री, ने 93वाँ वायु सेना दिवसनई दिल्ली के अवसर पर आधिकारिक X (ट्विटर) पोस्ट की, तो पूरी देश भर में "एयर वारियर्स" के सम्मान में हलचल मच गई। उसी दिन द्रौपदी मुर्मु, भारत की 15वीं राष्ट्रपति, ने भी अपने ट्वीट में वायु सेना के जवानों और उनके परिवारों को बधाई दी। इस दोहरी अभिलाषा ने यह स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय रक्षा और संकट प्रबंधन में वायु सेना का योगदान कितना अभिन्न है।

वायु सेना का इतिहास

भारतीय वायु सेना का जन्म 8 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश राज के तहत रॉयल इंडियन एयर फोर्स के रूप में हुआ था। 1950 में भारत के प्रजासत्ताक बनने के बाद इसे आज की तरह नाम मिला और तब से यह 93 सालों से देश की सुरक्षा में निष्ठा से काम कर रही है। उसके शुरुआती 1,000 से कम विमानों से लेकर अब 1,700 से अधिक विमान — जिनमें 900 फाइटर जेट्स शामिल हैं — तक का विस्तार इसे एशिया के सबसे बड़े वायु बलों में से एक बनाता है।

93वाँ वायु सेना दिवस - मुख्य कार्यक्रम

इस साल के समारोह 9 अक्टूबर 2025 तक कई शहरों में हुए। नई दिल्ली में राजपथ पर पेरोल, मुंबई में नवी सत्रंक समारोह, कोलकाता में वायु शो और दालहौजी में पर्वतारोहियों के सम्मान सहित विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। विशेष रूप से वायु सेना के लिए तैयार किए गए इस वर्ष के थीम को "सुरक्षा और मानवतावादी मिशन" कहा गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश

मोदी की आधिकारिक पोस्ट 11:36 PM UTC पर प्रकाशित हुई। उन्होंने लिखा: "सभी बहादुर एअर वारियर्स और उनके परिवारों को वायु सेना दिवस की बधाई। भारतीय वायु सेना साहस, अनुशासन और सटीकता का प्रतीक है। उन्होंने हमारे आसमान की रक्षा में अनगिनत कठिन परिस्थितियों में योगदान दिया, और प्राकृतिक आपदाओं में भी उल्लेखनीय मदद की है। उनका समर्पण, पेशेवरिता और अडिग आत्मा हर भारतीय को गर्व महसूस कराती है।"

यह संदेश भारतीय वायु सेना मीडिया और कम्युनिकेशन सेल द्वारा भी पुनः साझा किया गया, जिससे सभी विमानों और बेसों में यह भावना पहुंची।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का संदेश

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने X अकाउंट से कहा: "वायु एयर्स, वेटरन और उनके परिवारों को वायु सेना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! भारतीय वायु सेना ने हमेशा साहस, प्रतिबद्धता और उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है। हमारे एयर्स आपदा राहत और मानवीय मिशनों में भी अथक समर्पण से कार्य करते हैं।" यह बयान एक उच्चस्तरीय सम्मान को दर्शाता है, जिससे वायु सेना की राष्ट्रीय पहचान और भी प्रगाढ़ हुई।

वायु सेना की प्रमुख उपलब्धियां

वायु सेना की प्रमुख उपलब्धियां

  • 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में 16,354 उड़ानें, 99% प्रभावशीलता।
  • 2013 के उत्तराखंड बाढ़ में ऑपरेशन राहत के तहत 20,000 नागरिकों का बचाव।
  • 2021 के कोविड‑19 महामारी में ऑपरेशन देवी शक्ति में 4,300 मीट्रिक टन चिकित्सा सामग्री का परिवहन, 1,900 उड़ानें।
  • 2019 के बालाकोट स्ट्राइक में 120 km गहराई में सटीक लक्ष्यबद्धी।

इन उपलब्धियों के पीछे लगभग 140,000 सक्रिय कर्मी और 100,000 रिज़र्व का सहयोग है, तथा उनके 240,000 से अधिक पारिवारिक सदस्य 60 से अधिक बेसों में बंटे हुए हैं — सियाचिन ग्लेशियर की ऊँचाई से कार निकोबार के समुद्रतीर तक।

आगे की दिशा और चुनौतियां

वायु सेना अब 6वी जनरेटेड फाइटर जेट्स, ग्रिपन‑एयरक्राफ्ट और क्वाड्रेंट‑M की खरीद पर काम कर रही है। साथ ही, एआई‑संचालित ड्रोन, साइबर डिफेंस और स्पेस क्षमताओं को सुदृढ़ करने की योजना है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु‑परिवर्तन के कारण बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के बीच मानवीय सहायता में भूमिका और विस्तारित होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है?

वायु सेना दिवस हर वर्ष 8 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो 1932 में भारतीय वायु सेना की स्थापना की तिथि है। 2025 में यह 93वाँ वर्ष था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कौन‑से चार मुख्य पहलुओं को उजागर किया?

उन्होंने वायु सेना के साहस, अनुशासन, सटीकता और आपदा राहत में उनके योगदान को प्रमुख बिंदु बताया। इन चार पहलुओं ने भारत के आकाश को सुरक्षित रखने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया।

वायु सेना के कितने सक्रिय और रिज़र्व कर्मी हैं?

लगभग 1.4 लाख सक्रिय सैनिक और 10 लाख से अधिक रिज़र्व कर्मी वायु सेना में सेवा दे रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मिशनों के लिए पर्याप्त शक्ति मिलती है।

वायु सेना ने हाल के किन मानवीय मिशनों में हिस्सा लिया?

2013 के उत्तराखंड बाढ़ में ऑपरेशन राहत, 2021 में कोविड‑19 महामारी के दौरान ऑपरेशन देवी शक्ति, तथा 2024 में पूर्वोत्तर में बाढ़ राहत जैसी घटनाओं में वायु सेना ने तेज़ी से सहायता प्रदान की।

भविष्य में वायु सेना की प्रमुख योजनाएँ क्या हैं?

अगले पाँच वर्षों में नई पाँच-पिढ़ी के फाइटर जेट्स, लॉन्ग‑रेंज ड्रोन, साइबर रक्षा इकाइयाँ और अंतरिक्ष निगरानी सुविधाएँ स्थापित करने की योजना है, साथ ही जलवायु‑परिवर्तन‑प्रेरित आपदा राहत में क्षमता बढ़ाने पर भी काम होगा।

1 Comment

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    Abhishek Saini

    अक्तूबर 9, 2025 AT 02:36

    आपकी यह पोस्ट वाकये में बहुत बढ़िया है। सरकार के प्रशंसा पत्रों को पढ़कर दिल गर्व से धड़केत है। वायु सेना के जवानों को बधाई देना हमारे कर्तव्य से नीचे नहीं है। इनकी कड़ी मेहनत ने कई बार बर्फीले पहाड़ों तक मदद पहुंचाई है। आगे भी इस तरह के इवेंट से लोगों में प्रेरणा बनी रहे।

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