निखत ज़रीन कौन हैं? पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा महिला बॉक्सिंग प्री-क्वार्टरफाइनलिस्ट पर एक नजर
जुल॰, 28 2024निखत ज़रीन: प्रतिभा और संघर्ष की मिसाल
निखत ज़रीन की कहानी भारतीय खेलों की उन कहानियों में शामिल है जो संघर्ष, मेहनत और अदम्य साहस की मिसाल हैं। तेलंगाना के निजामाबाद में जन्मीं ज़रीन ने बचपन से ही बॉक्सिंग की तरफ रुझान दिखाया और अपनी धुन और मेहनत के दम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
उन्होंने 28 वर्ष की उम्र में पेरिस ओलंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए महिला 50 किग्रा बॉक्सिंग के प्री-क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया है। जर्मनी की मैक्सी कारिना क्लोएटज़र के खिलाफ जबरदस्त मुकाबला करते हुए, निखत ने 5-0 से जीत हासिल की। यह मुकाबला उत्तर पेरिस एरिना में आयोजित हुआ, जहाँ ज़रीन ने अपनी ताकत और रणनीति का बेहतरीन उपयोग कर विजयी कदम बढ़ाए।
दो बार की विश्व चैंपियन निखत
निखत ज़रीन दो बार की विश्व चैंपियन हैं। उन्होंने 2019 में AIBA महिला विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 51 किग्रा की श्रेणी में स्वर्ण पदक जीता था और 2022 में राष्ट्रमंडल खेलों में 50 किग्रा की श्रेणी में भी स्वर्ण पदक जीता। उनकी यह उपलब्धियां भारतीय महिला बॉक्सिंग में अद्वितीय हैं और उन्होंने खुद को एक मजबूत और कुशल बॉक्सर के रूप में स्थापित किया है।
प्रेरणादायक यात्रा
निजामाबाद के एक सामान्य परिवार से आने वाली निखत की संघर्षपूर्ण यात्रा किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उनके पिता ने उन्हें हर कदम पर समर्थन दिया और उनकी मेहनत का परिणाम यह हुआ कि उन्होंने देश के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। जून 14, 1996 को जन्मीं निखत ने अपनी छोटी उम्र में ही यह साबित कर दिखाया कि अगर लक्ष्य को पाने की कामना सच्ची हो तो कोई भी बाधा रास्ते में नहीं आ सकती।
महत्वपूर्ण मुकाबला
निखत ज़रीन का अगला मुकाबला पेरिस ओलंपिक में चीन की फ्लाईवेट विश्व चैंपियन और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता वू यू से होगा। यह मुकाबला गुरुवार को आयोजित होगा और निखत इस मुकाबले के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनका यह प्रदर्शन उनकी मेहनत और डेडिकेशन का नतीजा है जो उन्हें सफलता की ओर ले जा रहा है।
आइये, हम प्रार्थना करें कि निखत ज़रीन इस महत्वपूर्ण मुकाबले में भी अपनी जीत का सिलसिला जारी रखें और देश का नाम रोशन करें। उनकी संघर्ष की यह कहानी हर युवा के लिए प्रेरणा का एक स्त्रोत है जो यह सिखाती है कि सच्चे प्रयास कभी व्यर्थ नहीं होते। हमें उम्मीद है कि निखत आने वाले समय में और भी ऊंचाइयाँ छुएंगी और देश को गर्वित करेंगी।