ऑक्टोबर 2025 में बैंक बंदी: RBI का विस्तृत अवकाश कैलेंडर
ऑक्टोबर 2025 में भारतीय बैंकों की शेड्यूलिंग एक बड़े पहेली जैसी लग रही है—रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कई राष्ट्रीय, धार्मिक और राज्य‑विशिष्ट छुट्टियों को "गैजेटेड" घोषित कर दिया है, जिससे ग्राहकों को अपने लेन‑देन को सावधानी से प्लान करना पड़ेगा। यह केवल एक दो‑तीन दिन का ब्रेक नहीं; आधे साल की खाता बंदी (1 अक्टूबर) से लेकर दिवाली‑पंडाल तक, फिर छठ पूजा और अंत में पटेल जयंती (31 अक्टूबर) तक, बैंकिंग सेवाएं लगातार बंद रहेंगी।
ऑक्टोबर 2025 के मुख्य बैंकिंग अवकाश
सबसे पहले एक त्वरित टाइमलाइन—
- 1 ऑक्टूबर (बुधवार): अधि‑वर्षीय खाता बंदी (सभी बैंकों में फॉर्म‑फिलिंग समाप्त)।
- 2 ऑक्टूबर (गुरुवार): गांधीनगर जयंतीपूरा देश और विजय दशमी (दशहरा) एक साथ।
- 6 ऑक्टूबर (सोमवार): ओडिशा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में लक्ष्मी पूजा।
- 7 ऑक्टूबर (मंगलवार): महार्षि वाल्मीकि जयंती (रिजर्वेड)।
- 10 ऑक्टूबर (शुक्रवार): करवा चौथ (रिज़र्वेड)।
- 20 ऑक्टूबर (सोमवार): दिवाली (दीपावली)केंद्र सरकार (सभी बैंकों में बंद)।
- 22 ऑक्टूबर (बुधवार): बिहार में वैकल्पिक दिवाली, साथ ही गोवर्धन पूजा (रिज़र्वेड)।
- 23 ऑक्टूबर (गुरुवार): भाई दूज (नॉर्थ-ईस्ट एवं पश्चिम)।
- 24 ऑक्टूबर (शुक्रवार): मणिपूर में निंगोल चक्कोउबा।
- 27 ऑक्टूबर (सोमवार) और 28 ऑक्टूबर (मंगलवार): छठ पूजा (बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दमन‑दुी, दादरा‑नगर्ली)।
- 31 ऑक्टूबर (शुक्रवार): सरदार वल्लभभाई पटेल जयंतीगुजरात (गैजेटेड)।
- साथ ही नियमित रविवार (5, 12, 19, 26 ऑक्ट) और द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार (11 और 25 ऑक्ट) पर भी बंद।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की भूमिका और दिशा‑निर्देश
जब भी राष्ट्रीय‑स्तर की छुट्टियाँ घोषित होती हैं, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया अपने डायरेक्ट्रीनरी नोटिफ़िकेशन के ज़रिए सभी सार्वजनिक व निजी बैंकों को आदेश देता है कि वे उन तिथियों पर बंद रहें। इस साल की नोटिफ़िकेशन में “गैजेटेड” और “रिज़र्वेड” छुट्टियों को स्पष्ट रूप से विभाजित किया गया है—गैजेटेड का अर्थ है सभी सरकारी संस्थानों में अनिवार्य बंद, जबकि रिज़र्वेड का मतलब है कुछ राज्यों में वैकल्पिक बंद।
आरबीआई ने यह भी कहा है कि “फौज‑साल” के किनारे वाले टेम्पलेट को फिर से लागू किया जाएगा, यानी साल के आधे में एक बार खातों का सेट‑क्लोज़ करना अनिवार्य है। इसका मकसद सिस्टम में लोड कम करना, एचआर‑तत्परता सुनिश्चित करना और फंड्स की सुगम रोटेशन है। अगर आप इस प्रक्रिया को नजरअंदाज करते हैं, तो लेन‑देन में देरी या दंड लग सकता है।
राज्य‑विशिष्ट अवकाश और उनका प्रभाव
बाजार के हिसाब से सबसे बड़ा झटका शायद बिहार में पड़ेगा। यहाँ न केवल 22 ऑक्टूबर को वैकल्पिक दिवाली मनाई जाती है, बल्कि 27‑28 ऑक्टूबर को दो‑दिन की छठ पूजा भी है। इससे स्थानीय शाखाओं, एटीएम और मोबाइल बैंकिंग में अचानक भीड़‑भाड़ की संभावना है। इसी तरह ओडिशा, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में 6 ऑक्टूबर को लक्ष्मी पूजा गाजेटेड है—अर्थात् सभी कॉरपोरेट ट्रांज़ैक्शन रोके जाएंगे।
गुजरात में 31 ऑक्टूबर को सरदार पटेल जयंती (गैजेटेड) है, जबकि राजस्थान व उत्तराखंड में गोवर्धन पूजा और भाई दूज के दौरान कई शाखाएँ सीमित समय के लिए खुलेंगी। मगर ध्यान दें, शेष राज्यों में ये त्यौहार आमतौर पर “रिज़र्वेड” होते हैं, यानी बैंक कार्य समय‑समायोजन कर सकते हैं, पर पूर्ण बंद नहीं होता।
ग्राहकों के लिए व्यावहारिक टिप्स
अब बात करते हैं असली हक़ीक़त की—आपका पैसा कब उपलब्ध रहेगा? यहाँ कुछ आसान‑सुलभ उपाय हैं:
- इंटरनेट‑बैंकिंग और मोबाइल एप्स को परखा‑जाए—ऑफ़लाइन मोड में भी बेसिक ट्रांसफ़र संभव है, पर नो‑डिस्प्ले ट्रांसफ़र (NEFT/RTGS) सिर्फ कार्य दिवस में ही प्रोसेस होते हैं।
- दीडेण्डी (डिपॉजिट) और बड़ी अमाउंट की ट्रांसफ़र को 30 ऑक्टूबर तक पूरा कर लें, ताकि छुट्टियों के बाद बकाया न रहे।
- दिवाली के पहले और बाद में उधार‑रिवर्स (ऑवरड्राफ्ट) को बढ़ा‑वृद्धि करके एक बफ़र रख लें—बैंक आमतौर पर इस अवधि में विस्तार नहीं देते।
- यदि आप छोटे व्यापारिक लेन‑देन करते हैं, तो अपने सप्लायर्स को फ्रीज‑डेड लाइन्स के बारे में पहले से सूचित कर दें। इससे देर‑से‑भुगतान के जुर्माने से बचा जा सकता है।
- एटीएम उपलब्धता की जाँच करने के लिए RBI के डिजिटल लिक्विडिटी मॉनिटर पोर्टल पर जाएँ—यहाँ प्रत्येक शहरी क्षेत्र के एटीएम कार्य‑समय दिखाए जाते हैं।
भविष्य की संभावना और तैयारी
इतना सारे फेस्टिवल‑हॉलिडे देखते‑देखते, वित्तीय उद्योग ने अब “फेस्टिवल‑फ्रेंडली” ऑपरेशन मॉडल अपनाया है। अगले वर्ष, अगर फार्म‑सिज़न फॉर्म‑क्लोज़र की तारीख मध्य‑सप्ताह में पड़ती है, तो RBI तब भी समान प्रोटोकॉल जारी रखेगा। इसलिए यह भी समझदारी है कि दीर्घकालिक सेवा‑समाधान—जैसे कि सर्च‑फ़ंड जाँच, एपीआई‑इंटिग्रेशन, और डिजिटल टोकन‑बैंकिंग—को अपनाया जाए, ताकि ग्राहकों को शारीरिक शाखा पर निर्भर नहीं रहना पड़े।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ऑक्टोबर में बैंक बंदी से मेरा वेतन कब तक पहुंचेगा?
यदि आपका वेतन 25 ऑक्टूबर तक ट्रांसफ़र किया गया है, तो यह 31 ऑक्टूबर (गुजरात में पटेल जयंती) के बाद अकाउंट में जमा हो जाएगा। फेस्टिवल‑पीरियड में प्रोसेसिंग टाइम 2‑3 दिन बढ़ सकता है, इसलिए जल्द‑से‑जल्द ट्रांसफ़र करना सुरक्षित रहेगा।
छुट्टियों के दौरान एटीएम कौन‑से शहरों में काम करेंगे?
मुख्य मेट्रो शहर—दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई—में अधिकांश एटीएम फेस्टिवल‑डेज़ में भी उपलब्ध रहेंगे। लेकिन छोटे कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में कई एटीएम रविवार और शनिवार को बंद रह सकते हैं; स्थानीय RBI शाखा की वेबसाइट पर विशिष्ट सूची देखें।
गैजेटेड और रिज़र्वेड छुट्टियों में क्या अंतर है?
गैजेटेड छुट्टी का मतलब है कि सभी सरकारी संस्थाएँ, जिसमें सभी बैंकों की शाखाएँ भी शामिल हैं, पूरी तरह बंद रहती हैं। रिस़र्वेड का अर्थ है कि केवल कुछ राज्यों या क्षेत्रों में ही बंदी लागू होती है; बाकी क्षेत्रों में बैंक सीमित समय के लिए खुली रह सकती हैं।
डिजिटल ट्रांसफ़र में फेस्टिवल‑डेज़ पर कोई अतिरिक्त शुल्क है?
अधिकांश बैंकों ने फेस्टिवल‑पीरियड में नेट‑बैंकिंग और मोबाइल ऐप ट्रांसफ़र पर कोई अतिरिक्त फीस नहीं लगाई है। हालाँकि, इंट्रा‑डे फंड ट्रांसफ़र (RTGS) में कुछ बैंकों ने अतिरिक्त शु्ल्क लगाया है, इसलिए अपनी बैंक की मौसमी टैरिफ़ शीट देखना न भूलें।
छुट्टियों के बाद ऋण क्लीयरेंस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा?
सामान्यत: ऋण पुनर्भुगतान या नई आवेदन प्रक्रिया में फेस्टिवल‑डेज़ के बाद 5‑7 कार्य‑दिवस लगते हैं। अगर आप 20 ऑक्टूबर से पहले पूरी डाक्यूमेंटेशन जमा कर देते हैं, तो आप अगले सप्ताह ही स्वीकृति की उम्मीद कर सकते हैं।
Shubham Abhang
अक्तूबर 1, 2025 AT 20:57आरबीआई की छुट्टियों की योजना, पूरी तरह से बेपरवाही वाली लगती है!!!
Trupti Jain
अक्तूबर 5, 2025 AT 08:17भाई, इस विस्तृत कैलेंडर में तो हर दिन एक नया त्यौहार है-जैसे कोई महाकाव्य सिम्फनी।
हालाँकि, इस जटिल शेड्यूल से छोटे उद्यमियों को गड़बड़ी हो सकती है, इसलिए थोड़ा व्यावहारिक दिशा‑निर्देश जरूरी है।
नोट: छुट्टियों के दौरान ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन से बचने की ज़रूरत नहीं, पर बैंक शाखा के काम में देरी की संभावना रहती है।
deepika balodi
अक्तूबर 8, 2025 AT 19:37ऑक्टोबर में कई राज्य‑विशिष्ट अवकाश हैं, इसलिए एटीएम योजना पहले से देख लें।
डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल करने से काफी सुविधा मिलती है।
Priya Patil
अक्तूबर 12, 2025 AT 06:57सभी को नमस्ते, इस कैलेंडर को देख कर मैंने कुछ प्रैक्टिकल टिप्स जोड़ दी हैं।
पहले, अपने सभी बड़े ट्रांसफ़र को 30‑ऑक्ट तक अंतिम रूप दे दें, ताकि फेस्टिवल‑डेज़ के बाद कोई लटकन न रहे।
दूसरा, यदि आप छोटे व्यापारी हैं तो अपने सप्लायर को पहले से बताएं कि छठ पूजा के दौरान भुगतान कब तक करना है।
तीसरा, मोबाइल एप्स में ऑफ़लाइन मोड को एनेबल रखें, क्योंकि कभी‑कभी नेटवर्क भी थक जाता है।
अंत में, RBI के डिजिटल लिक्विडिटी मॉनिटर पर एटीएम की उपलब्धता चेक करते रहें।
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप अपने वित्तीय प्रवाह को बिना बाधा के रख सकते हैं।
vikash kumar
अक्तूबर 15, 2025 AT 18:17विवेचित दृष्टिकोण से कहा जाए तो, RBI की नियोजित गैजेटेड तथा रिज़र्वेड छुट्टियों की वर्गीकरण शैक्षिक प्रभावी है। यह स्पष्ट करता है कि किन संस्थानों को पूर्णतः बंद रहना आवश्यक है और किन्हें सीमित संचालन की अनुमति है। इस विभाजन से बैंकों के कार्यभार का संतुलन संभव होता है, जिससे प्रणालीगत जोखिम कम होता है। अतः बैंक ग्राहकों को चाहिए कि वे इस संरचना को समझ कर अपनी लेन‑देन योजना बनायें।
Anurag Narayan Rai
अक्तूबर 19, 2025 AT 05:37ऑक्टोबर का बैंकिंग कैलेंडर अब न सिर्फ़ एक सूची है, बल्कि यह वित्तीय नियोजन का एक जटिल पहिया भी बन गया है।
पहले बात करते हैं 1 अक्टूबर की आधी-वर्षीय खाता बंदी की-यह एक अवसर है, जिससे संस्थाएँ अपने खातों की सफ़ाई कर सकती हैं, परन्तु छोटे बचतकर्ता अक्सर इसको अनदेखा कर देते हैं।
दूसरा, 2 अक्टूबर की गांधीनगर जयंती और विजय दशमी का समकालिक आयोजन कई राज्यों में कार्य दिवस को प्रभावित करता है, जिससे ट्रांसफ़र में विलंब हो सकता है।
तीसरा, लक्ष्मी पूजा 6 अक्टूबर को ओडिशा, त्रिपुरा व पश्चिम बंगाल में गैजेटेड है, इसलिए इन क्षेत्रों में सभी बैंकिंग ऑपरेशन बंद रहेंगे।
चौथा, वाल्मीकि जयंती 7 अक्टूबर पर रिज़र्वेड है, इसलिए कुछ राज्यों में सीमित सेवाएँ उपलब्ध रह सकती हैं।
पाँचवा, 10 अक्टूबर को करवा चौथ, एक प्रमुख धार्मिक दिन, भी रिज़र्वेड सूची में है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में एटीएम उपलब्धता घट सकती है।
छठा, 20 अक्टूबर को दिवाली, राष्ट्रीय स्तर पर सभी बैंकों के बंद होने का मुख्य कारण है; इस अवधि में निधियों का प्रावधान पहले से कर लेना समझदारी है।
सातवा, 22 अक्टूबर का वैकल्पिक दिवाली बिहार में विशेष महत्व रखता है, जबकि गोवर्धन पूजा कुछ राज्यों में रिज़र्वेड है।
आठवा, भाई दूज 23 अक्टूबर को कई उत्तरी-पूर्वी राज्यों में मनाया जाता है, जिससे स्थानीय शाखाएँ सीमित समय के लिए खुल सकती हैं।
नौवा, मणिपूर में 24 अक्टूबर को निंगोल चक्कोउबा, एक स्थानीय त्यौहार, जिससे स्थानीय बैंकों की कार्यशैली अलग हो सकती है।
दसवा, 27‑28 अक्टूबर को छठ पूजा, विशेषकर बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दमन‑दीव, दादरा‑नगरलैंड में दो‑दिन की बंदी, जिससे बड़ी रकम की ट्रांसफ़र में बाधा आ सकती है।
ग्यारहवा, 31 अक्टूबर को गुजरात में सरदार पटेल जयंती, गैजेटेड है, जिससे उस दिन पूरे राज्य में बैंकों का संचालन बंद रहेगा।
बारहवा, नियमित रविवार तथा द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार (11 व 25 अक्टूबर) पर भी बंदी बैंकों को अनिवार्य रूप से लागू होती है।
तेरहवा, इन सभी तिथियों को ध्यान में रखते हुए, नकदी निकासी तथा बड़े फंड ट्रांसफ़र को पहले से नियोजित करना चाहिए, ताकि देर‑से‑भुगतान की स्थिति से बचा जा सके।
चौदहवा, डिजिटल बैंकिंग एवं मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग इस पीरियड में अत्यंत आवश्यक हो जाता है; अधिकांश ऑनलाइन लेन‑देन कार्य दिवस में ही प्रोसेस होते हैं।
पंधरहवा, यदि आप वेतनभोगी कर्मचारी हैं, तो अपना वेतन 25 अक्टूबर तक प्राप्त करने की कोशिश करें, ताकि वह 31 अक्टूबर के बाद के फेस्टिवल‑डेज़ में नहीं अटके।
सोलहवा, छोटे व्यवसायियों को चाहिए कि वे अपने सप्लायर्स को फेस्टिवल‑डेज़ के बारे में अग्रिम में सूचना दें, जिससे भुगतान में देरी न हो।
सत्रहवा, अंत में, यह स्पष्ट है कि इस विस्तृत कैलेंडर को समझ कर ही हम अपने वित्तीय रेचन को सुगम बना सकते हैं, और अनावश्यक झंझट से बच सकते हैं।
Sandhya Mohan
अक्तूबर 21, 2025 AT 13:10बहुत बढ़िया विश्लेषण है, दोस्त! आप सही कह रहे हैं कि डिजिटल साधनों का उपयोग इस अवधि में ही सबसे समझदार उपाय है। साथ ही, यह याद रखना चाहिए कि हर रखी हुई देनदारी का सामना करते समय हमें धैर्य और संतुलन बनाए रखना चाहिए।
Prakash Dwivedi
अक्तूबर 23, 2025 AT 20:44मेरे ख्याल से इस मौसम में भावनात्मक तनाव बढ़ जाता है, खासकर जब पैसे के लेन‑देन में देरी हो। इसलिए मैं हमेशा सलाह देता हूँ कि आप पहले से एक सुरक्षा निधि रख लें-इससे मन की शांति बनी रहती है और अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना आसान हो जाता है।
Rajbir Singh
अक्तूबर 26, 2025 AT 04:17ट्रुटी का लिखा मजेदार था, पर सच कहूँ तो इतने सारे त्यौहारों से बहुत उलझन हो सकती है। सरल शब्दों में कहें तो, बस मुख्य तिथियों-1, 20, 31 अक्टूबर-पर ध्यान दें, बाकी छोटे‑छोटे छुट्टियों को डिजिटल से कवर कर लें।
Swetha Brungi
अक्तूबर 28, 2025 AT 11:50विकास के इस दौर में भाई, बहुत जरूरी है कि हम सभी आर्थिक प्रक्रियाओं को समझदारी से व्यवस्थित करें।
RBI की नीति वास्तव में हमें बँकिंग सिस्टम के लोड को नियंत्रित करने में मदद करती है, परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि हम अपने वित्तीय नियोजन को अनदेखा कर दें।
केंद्रीकृत फेस्टिवल‑डेज़ की योजना बनाते समय, हमें व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों स्तरों पर लचीलापन दिखाना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर, यदि आप एक स्टार्ट‑अप चला रहे हैं, तो अपनी फंडिंग राउंड्स को इन प्रमुख छुट्टियों से पहले निष्पादित कर लेना उचित रहेगा।
साथ ही, छोटे व्यापारियों के लिए यह सलाह है कि वे अपने आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान करने के लिए अग्रिम रूप से बजट बनाएं।
इन बिंदुओं पर विचार करके हम इस जटिल कैलेंडर को सरल बना सकते हैं।
Govind Kumar
अक्तूबर 30, 2025 AT 19:24प्रिया ने जो व्यावहारिक सुझाव दिए हैं, वे अत्यंत उपयोगी प्रतीत होते हैं; विशेषतः 30 ऑक्ट तक बड़े ट्रांसफ़र को अंतिम रूप देना, जिससे फेस्टिवल‑डेज़ में देरी से बचा जा सके।
साथ ही, एटीएम उपलब्धता की पूर्व जाँच करना, तथा RBI के डिजिटल लिक्विडिटी मॉनिटर को नियमित रूप से देखना, यह सभी कदम वित्तीय प्रबंधन को सहज बनाते हैं।
इस प्रकार का व्यवस्थित दृष्टिकोण, न केवल व्यक्तिगत ग्राहकों के लिए लाभदायक है, बल्कि संस्थागत स्तर पर भी कार्यक्षमता बढ़ाता है।
Rashi Jaiswal
नवंबर 2, 2025 AT 02:57वाह, इतने सारे डेट्स में दिमाग उलझा रहा था, पर अब समझ आया! चलो, सब रिवर्स कर दुंगा, पैसे का बैफ्लो टोटल सेट कर लेता हूँ।