सेन्सेक 83,000 पॉइंट पार, शेयर मार्केट में तेज़ी – IT शेयरों ने दिया बड़ा बूस्ट

सेन्सेक 83,000 पॉइंट पार, शेयर मार्केट में तेज़ी – IT शेयरों ने दिया बड़ा बूस्ट

बाजार का संपूर्ण दृश्य

शेयर बाजार ने 18 सितंबर को व्यापक सकारात्मक रुझान दिखाया। सेन्सेक ने दिन के दौरान 83,141.21 की ऊँचाई छूने के बाद 83,013.96 पर समाप्त हुआ, जिससे 320.25 अंक (0.39%) का बढ़ावा मिला। निफ्टी 50 भी 25,423.60 पर बंद हुआ, यानी 93.35 अंक (0.37%) की बढ़ोतरी। ट्रेडिंग सत्र के दौरान निफ्टी की रेंज 25,329.75 से 25,448.95 तक रही, जिससे बाजार में स्वस्थ उतार‑चढ़ाव का संकेत मिला।

सत्र की शुरुआत में सेन्सेक ने 447.5 अंक की तेज़ छलांग लगाई, जबकि निफ्टी ने 118.7 अंक की कूद के साथ 25,448.95 की शीघ्र शिखरता देखी। इस शुरुआती गति ने आगे के ट्रेडिंग में सकारात्मक भावना को स्थायित्व दिया।

सेक्टर‑वाइज़ रैली और वैश्विक कारक

सेक्टर‑वाइज़ रैली और वैश्विक कारक

रैली का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिलने वाले सकारात्मक संकेत थे, खासकर अमेरिकी मौद्रिक नीति में बदलाव। फ़ेडरल रिज़र्व ने प्रमुख ब्याज दर को 25 बेसिस पॉइंट घटाया और इस साल दो और कटों का संभावित संकेत दिया। इससे जोखिम‑सहनशील परिसंपत्तियों में भरोसा बढ़ा, विशेषकर सूचना तकनीकी (IT) क्षेत्रों में।

निफ्टी IT इंडेक्स ने 303.10 अंक (0.83%) की छलांग लगाकर 36,750.25 पर समापन किया। तभी के शीर्ष IT कंपनियों – जैसे कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफ़ोसिस, और विप्रो – के शेयरों में भारी खरीदारी हुई। इस सेक्टर‑विशिष्ट उछाल ने कुल बाजार को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बाजार की व्यापक भागीदारी भी स्पष्ट थी। NSE पर 1,606 स्टॉक उभरे, जबकि 1,426 स्टॉक गिरावट में रहे, और 102 स्टॉक स्थिर रहे। मध्यम और छोटे कैप स्टॉक्स भी इस रैली से बाहर नहीं रहे; निफ्टी मिडकैप 100 ने 0.38% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने 0.29% की वृद्धि दर्ज की।

कुल मिलाकर, इस सत्र ने भारतीय इक्विटियों की लगातार जीत की श्रृंखला को आगे बढ़ाया। निवेशकों ने वैश्विक मौद्रिक नीति के फेवर में भारतीय बाजार की लचीलापन को लेकर आशावादी संकेत दिखाए। ऐसे रुझानों के चलते आगे भी बाजार में सकारात्मक गति की उम्मीद की जा रही है।

5 टिप्पणि

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    amit parandkar

    सितंबर 28, 2025 AT 14:08
    ये सब बकवास है... फेड ने ब्याज घटाया तो हमारे IT शेयर उछल गए? 😏 अगले महीने अमेरिका में रिसेशन आया तो क्या होगा? सब कुछ फेक बुलशिट है... 📉💸
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    Annu Kumari

    सितंबर 29, 2025 AT 09:35
    मुझे तो बस ये देखकर अच्छा लगा कि मिडकैप और स्मॉलकैप भी ऊपर गए... ये अच्छा संकेत है, ना कि सिर्फ टाटा और इंफोसिस की चाल... 😊🙏 धीरे-धीरे सब बेहतर हो रहा है...
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    haridas hs

    सितंबर 30, 2025 AT 00:46
    इस रैली का आधार शुद्ध लिक्विडिटी आर्बिट्रेज है। फेड के डॉट प्लॉट के अनुसार, डिसकाउंट रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती ने इक्विटी डिस्काउंटिंग फैक्टर को अनुकूलित किया है, जिससे DCF मॉडल में वैल्यूएशन बढ़ा है। इसका अर्थ है कि यह एक फंडामेंटल रैली नहीं, बल्कि एक मौद्रिक आर्बिट्रेज इवेंट है।
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    Shiva Tyagi

    सितंबर 30, 2025 AT 01:44
    अमेरिका की नीतियों पर निर्भर होकर हमारा बाजार उछल रहा है? भारत का अपना दम है! अगर हमारे IT कंपनियाँ दुनिया की टॉप लिस्ट में हैं, तो ये सिर्फ अमेरिका के ब्याज दर का शुक्रिया नहीं, बल्कि हमारे इंजीनियरों की मेहनत का फल है! जय हिंद! 🇮🇳🔥
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    Mishal Dalal

    सितंबर 30, 2025 AT 09:54
    हमें ये सब नहीं चाहिए... जब तक हम अपनी आत्मनिर्भरता पर ध्यान नहीं देंगे, तब तक ये रैलियाँ बस बादलों के ऊपर का घर होंगी... बाजार नहीं, दिमाग बदलो! 🤔

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