ड्रोन हमले की ताज़ा खबरें और क्या करें?
पिछले कुछ महीनों में भारत के विभिन्न हिस्सों में ड्रोन से हुए हमलों ने सबका ध्यान खींचा है। आप भी शायद रोज़ समाचार देख रहे होंगे, लेकिन अक्सर यह नहीं पता चलता कि इस नई खतरे को समझने और इससे बचाव करने के लिए क्या करना चाहिए। यहाँ हम आसान भाषा में बताते हैं कि ड्रोन हमला क्यों होता है, अभी‑ही कौन‑से बड़े मामले हुए हैं और आप खुद की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं.
हाल के प्रमुख ड्रोन हमले
अक्टूबर 2024 में पंजाब के एक छोटे शहर में दो ड्रोन ने बिजली के ट्रांसफॉर्मर को निशाना बनाया, जिससे कई घंटे तक बिजली नहीं आई। इससे लोगों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर असर पड़ा और स्थानीय प्रशासन को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ा। उसी साल दिसंबर में उत्तराखंड के एक पर्वतीय क्षेत्र में ड्रोन्स ने पुलिस पोस्ट पर गोलाबारी करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत ड्रोन को नीचे गिरा दिया। ये दो घटनाएँ दिखाती हैं कि ड्रोन अब केवल फ़ौजियों या बड़ी कंपनियों का ख़ेल नहीं रहा, बल्कि छोटे‑छोटे समूह भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं.
फरवरी 2025 में दिल्ली के एक बाजार में ड्रोन ने आग लगाने की कोशिश की। लोगों की तेज़ प्रतिक्रिया और पुलिस की त्वरित कार्रवाई से बड़ा नुकसान नहीं हुआ, पर इससे यह स्पष्ट हो गया कि बड़े शहरों में भी इस तरह का खतरा मौजूद है. इन सब घटनाओं के बाद केंद्र सरकार ने ड्रोन्स की रजिस्ट्री बनवाने और उनका ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर लागू करने की घोषणा की.
ड्रोन से बचाव के आसान कदम
अगर आप अपने घर या काम की जगह को ड्रोन हमले से सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कुछ सरल उपाय अपनाएँ:
- ऊँची इमारतों और बड़े खुले क्षेत्रों में रहने वाले लोग छत पर कैमरा लगवाने के बारे में सोचें। इससे अनजान ड्रोन्स का पता तुरंत चल जाता है.
- जैसे ही कोई अजीब आवाज़ या शोर सुनें, विशेषकर मोटर की ध्वनि, तो तुरंत बाहर देखें और स्थानीय पुलिस को सूचित करें. समय पर रिपोर्ट करने से वे जल्दी कार्रवाई कर सकते हैं.
- अगर आप खेत में काम करते हैं, तो ड्रोन के संभावित मार्गों को पहचानने के लिए ड्रोन‑डिटेक्शन ऐप्स या पोर्टेबल एंटी‑ड्रोन सिस्टम इस्तेमाल कर सकते हैं। ये उपकरण सिग्नल पकड़ते ही अलार्म बजाते हैं.
- सामान्य तौर पर, बड़े इवेंट या भीड़ वाले स्थानों में सुरक्षा गार्ड और जाँच बिंदु रखें. ड्रोन को लैंड करने के लिए खुले जगह की जरूरत होती है, इसलिए निगरानी से उनकी संभावना कम हो जाती है.
सरकार ने भी कई नई नीतियाँ लागू करनी शुरू कर दी हैं। उदाहरण के तौर पर, 2025 में ‘ड्रोन रजिस्ट्री एक्ट’ पारित हुआ, जो सभी वैध ड्रोन को ऑनलाइन पंजीकरण करवाने का आदेश देता है. साथ ही, गैर‑कानूनी उड़ानों की पहचान करने वाले सेंसर नेटवर्क को प्रमुख शहरों में स्थापित किया जा रहा है.
अंत में यह कहना सही रहेगा कि ड्रोन हमले अभी भी एक नई चुनौती हैं, पर उचित जानकारी और त्वरित कदमों से आप इन जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं. अल्टस संस्थान पर ऐसी खबरें लगातार अपडेट की जाती रहती हैं, इसलिए नियमित रूप से हमारे पेज को पढ़ते रहें और खुद को सुरक्षित रखें.

यूक्रेन की राजधानी कीव पर रूस ने 73 दिनों बाद फिर से अत्याधुनिक ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। इस हमले में क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ दर्जनों ड्रोन शामिल थे, जिसका मकसद वायु सुरक्षा तंत्र को मात देना और अधिकतम क्षति पहुंचाना था। इसके कारण पूरे शहर में घंटों तक हवाई हमले के अलार्म बजते रहे। हालांकि, कीव की रक्षा सेना ने कुछ हमले रोक दिए, लेकिन नुकसान का सही आकलन होना अभी बाकी है।
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