UAE ने भारतीय पासपोर्टधारकों के लिए वीजा ऑन अराइवल में 6 नए देशों को जोड़ा

UAE ने भारतीय पासपोर्टधारकों के लिए वीजा ऑन अराइवल में 6 नए देशों को जोड़ा सित॰, 23 2025

विस्तारित वीजा ऑन अराइवल नीति का विवरण

फेडरल अथॉरिटी फॉर आइडेंटिटी, सिटिजनशिप, कस्टम्स & पोर्ट सिक्योरिटी ने 13 फरवरी 2025 से लागू नई व्यवस्था बताई। अब भारतीय पासपोर्टधारक, जिनके पास ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान, न्यूज़ीलैंड, सिंगापुर या दक्षिण कोरिया का वैध वीजा, रेजिडेंस परमिट या ग्रीन कार्ड है, वे यूएई के सभी एअरपोर्ट और समुद्री द्वारों पर UAE वीजा ऑन अराइवल प्राप्त कर सकेंगे।

पहले इस सुविधा के तहत केवल यूएस, यूरोपीय संघ और यूके के दस्तावेज़धारकों को ही वीजा मिल रहा था। अब नई सूची में शामिल छह देशों की विविधता इसे एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम बनाती है, क्योंकि इन देशों के पास भारतीय वर्ग के कई व्यवसायी, छात्र और पर्यटन प्रेमी होते हैं।

उपलब्ध लाभ और नियम

पात्र यात्रियों को 14 दिन का सिंगल‑एंट्री विज़िटर वीजा मिलेगा, जिसे एक बार और 14 दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है। कुल मिलाकर अधिकतम 28 दिन तक रहने की अनुमति होगी। यह सीमा दो भागों में विभाजित होती है: पहला 14‑दिन का मूल वीजा और दूसरा 14‑दिन का एक्सटेंशन, जिसके लिए अतिरिक्त फीस लग सकती है।

मुख्य शर्तें यह हैं:

  • पासपोर्ट कम से कम छह महीने तक मान्य होना चाहिए;
  • संबंधित देश का वैध वीजा, रेजिडेंस परमिट या ग्रीन कार्ड पेश करना अनिवार्य है;
  • प्रवेश के समय वीजा मुफ्त नहीं, बल्कि एअरपोर्ट पर निर्धारित शुल्क के अनुसार जारी किया जाएगा;
  • पहले 14‑दिन के बाद कोई अतिरिक्त ग्रेस पिरीयड नहीं दिया जाता, अतः ओवरस्टे करने पर दंड लगेगा।

ओवरस्टे पर जुर्माना दिन‑दर‑दिन बढ़ता है, पहली दिन की राशि लगभग AED 200 से शुरू होती है, और आगे के दिनों के लिए यह बढ़ता जाता है। इसलिए यात्रियों को अपने रहने की अवधि का ध्यान रखना आवश्यक है।

इंडिया में यूएई के दूतावास, नई दिल्ली, ने इस कदम को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के एक प्रमुख मील के पत्थर के रूप में सराहा। उन्होंने कहा कि यह पहल यात्रा को सरल बनाकर निवेशकों, छात्रों, प्रोफेशनलों और आम नागरिकों के बीच संपर्क को और मजबूत करेगी।

व्यावसायिक क्षेत्रों में इसका सीधा असर दिखेगा। कई भारतीय कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर अब बिना अग्रिम वीजा प्रक्रिया के शॉर्ट‑टर्म मीटिंग्स के लिए यूएई जा सकेंगे। साथ ही, छात्रों के लिए भी यह सुविधा आकर्षक है, क्योंकि यूएई में कई शीर्ष संस्थान क्षेत्रीय शिक्षा के केंद्र बन चुके हैं।

टूरिज़्म सेक्टर को भी इस नीति से लाभ होगा। अब भारत से यूएई के प्रमुख शॉपिंग और अवकाश स्थलों की यात्रा में समय और धन दोनों की बचत होगी। भारतीय परिवारों के बीच अक्सर यूएई को शॉपिंग और छुट्टियों के लिए प्राथमिकता मिलती रहती है; अब वीजा प्रक्रिया की झंझट खत्म होने से इन यात्राओं की संख्या में उछाल आने की संभावना है।

इस नई व्यवस्था के द्वारा यूएई ने न केवल भारत साथ बल्कि विश्व के अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ अपने कनेक्शन को और खोल दिया है। यह दिखाता है कि दोनों देशों की आर्थिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक भागीदारी अब अधिक लचीली और खुले ढंग से आगे बढ़ रही है।