वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में रेल परिवहन: नई घोषणाएँ और आवंटन पर ध्यान

वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में रेल परिवहन: नई घोषणाएँ और आवंटन पर ध्यान

वित्त आर्थिक वर्ष 2024-25 के बजट में रेलवे का स्थान

भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपने बजट प्रस्तुत किया है जिसमें रेलवे उद्योग के लिए जानबूझकर सीमित अवधि का उल्लेख किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रेलवे की चर्चा केवल एक बार की, जो कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के संदर्भ में था। इस अधिनियम के तहत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के औद्योगिक गलियारों में आवश्यक अवसंरचना, जैसे रेलवे परियोजनाओं को निधि देने की बात कही गई।

बहुत से लोगों ने उम्मीद की थी कि इस बार के बजट में नए ट्रेनों की घोषणा जैसे वंदे भारत और वंदे मेट्रो या मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और नरेन्द्र मोदी भारत परियोजनाओं पर कुछ प्रगति की जानकारी दी जाएगी। हालांकि, इस तरह की कोई महत्वपूर्ण घोषणा नहीं की गई। इसके अतिरिक्त, अंतरिम बजट 2024 के मुकाबले रेलवे के लिए कोई नई वित्तीय आवंटन की सूचना नहीं मिली।

रेलवे स्टॉक्स पर प्रभाव

जहाँ तक रेलवे स्टॉक्स का सवाल है, बजट के बाद इनकी कीमतों में कमी देखने को मिली। रेन विकास निगम लिमिटेड (RVNL), इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), और रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों के स्टॉक्स में 1-6 प्रतिशत तक की गिरावट आई। इससे निवेशकों में निराशा पैदा हुई क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि रेलवे के क्षेत्र में कुछ नई और प्रमुख घोषणाएँ होंगी।

भावी योजनाएँ और लक्ष्यों का विवरण

रेलवे मंत्रालय ने अपने अनेक लक्ष्यों और परियोजनाओं की घोषणा की है। मंत्रालय का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य जुलाई 2024 तक अपनी पूरी रेलवे नेटवर्क के 100 प्रतिशत विद्युतीकरण का है। इसके अलावा, मंत्रालय का उद्देश्य आगामी वर्षों में कम से कम 2,000 किलोमीटर नए ट्रैक बिछाने का है। ये परियोजनाएँ भारतीय रेलवे को न केवल अधिक पर्यावरण-मित्र बनाने के लिए हैं, बल्कि ऑपरेशनल दक्षता में भी वृद्धि लाएंगी।

आर्थिक गलियारों और तकनीकी निवेश की माँग

रेलवे उद्योग ने सरकार से अपेक्षा की थी कि वह तीन आर्थिक गलियारों के सृजन के लिए रोडमैप प्रस्तुत करें। साथ ही, उन्होंने तकनीकी और सुरक्षा में पूंजी निवेश बढ़ाने की भी माँग की थी। इस दिशा में कुछ गंभीर कदम उठाए जाने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, सरकार को अपने प्राथमिकताओं को पुनः निर्धारित करने की आवश्यकता है।

उद्योग जगत की राय में, रेलवे में तकनीकी उन्नयन और सुरक्षा के उपायों के लिए अधिक पूंजी आवंटन की अत्यधिक आवश्यकता है। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा बढ़ेगी, बल्कि भारतीय रेलवे का वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी। रेलवे की प्रशंसा तब ही होगी जब ये आर्थिक गलियारे पूरी तरह से सुसज्जित और चालू होंगे।

अन्तत: रेलवे बजट में जिन प्रमुख पहलों की उम्मीद की जा रही थी, उन पर वित्त मंत्री के भाषण में अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। इसके परिणामस्वरुप, रेलवे स्टॉक्स में गिरावट देखी गई और उद्योग जगत के कुछ हिस्सों में निराशा पैदा हुई। इसके बावजूद, रेलवे मंत्रालय के पास अपने भविष्योन्मुखी लक्ष्यों को पूरा करने का एक स्पष्ट रोडमैप है, जिसमें 100 प्रतिशत विद्युतीकरण और नए ट्रैकों के सृजन सहित कई महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ शामिल हैं।

10 टिप्पणि

  • Image placeholder

    Kamal Sharma

    जुलाई 24, 2024 AT 11:46

    ये बजट तो बस एक धोखा है। रेलवे को तो बस नए ट्रेनों की बात करने के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षा, इलेक्ट्रिफिकेशन और ट्रैक विस्तार के लिए पैसे चाहिए। अब तक जो भी वंदे भारत बना, उसकी मरम्मत भी नहीं हो पाई। बजट में जो भी घोषणा हुई, वो सिर्फ चुनावी नारे हैं।

  • Image placeholder

    Himanshu Kaushik

    जुलाई 25, 2024 AT 12:20

    रेलवे के लिए पैसा कम मिला तो क्या हुआ? अभी भी हर दिन करोड़ों लोग ट्रेन से यात्रा करते हैं। बजट तो सिर्फ एक नंबर है, असली काम तो रेलवे करता है। अगर ट्रैक बढ़ रहे हैं और बिजली लग रही है, तो बस इतना ही काफी है।

  • Image placeholder

    Sri Satmotors

    जुलाई 26, 2024 AT 21:45

    अच्छी खबर ये है कि 100% इलेक्ट्रिफिकेशन हो रहा है। ये बड़ी बात है। 🙏

  • Image placeholder

    Sohan Chouhan

    जुलाई 28, 2024 AT 14:22

    अरे भाई, ये सब बकवास है! जब तक रेलवे में भ्रष्टाचार नहीं खत्म होगा, तब तक कोई नया ट्रेन नहीं चलेगी। जो भी बजट बना रहे हैं, वो सब बेवकूफ हैं। मैंने देखा है, एक रेलवे स्टेशन पर एक बार टॉयलेट भी नहीं बनाया जा सकता। अब बुलेट ट्रेन? हा हा हा!

  • Image placeholder

    SHIKHAR SHRESTH

    जुलाई 29, 2024 AT 00:40

    रेलवे के लिए बजट कम हुआ है, लेकिन ये निर्णय तार्किक है। वित्तीय स्थिरता के लिए बजट को संतुलित रखना जरूरी है। जो परियोजनाएँ चल रही हैं, वो अभी भी आगे बढ़ रही हैं। ये धीमा प्रगति है, लेकिन स्थिर।

  • Image placeholder

    amit parandkar

    जुलाई 30, 2024 AT 08:09

    ये बजट सब कुछ छिपाने के लिए है। अमेरिका ने भारत को दबाया है कि रेलवे पर पैसा न दें। और ये वंदे भारत? वो सब चीन की तकनीक है। हमारे पास असली भारतीय ट्रेन कहाँ है? ये सब नाटक है।

  • Image placeholder

    Annu Kumari

    जुलाई 30, 2024 AT 18:19

    मैं समझती हूँ कि बजट में बहुत कम ध्यान दिया गया, लेकिन ये बात याद रखनी चाहिए कि रेलवे का काम बहुत बड़ा है। धीरे-धीरे बदलाव आएगा। बस थोड़ा इंतजार करें।

  • Image placeholder

    haridas hs

    जुलाई 31, 2024 AT 02:28

    यहाँ एक स्ट्रक्चरल फेल्योर का उल्लेख किया जाना चाहिए: रेलवे के लिए बजट आवंटन का अनुपात GDP के सापेक्ष निरंतर घट रहा है। इसका परिणाम ऑपरेशनल डिक्लाइन, इंफ्रास्ट्रक्चरल डिकेड, और सार्वजनिक विश्वास का अवक्षय है। अतः, बजट में उल्लिखित परियोजनाएँ, यदि वित्तीय रूप से अपर्याप्त रहीं, तो एक निर्माणात्मक निर्माण के बजाय एक शोर बन जाएँगी।

  • Image placeholder

    Shiva Tyagi

    जुलाई 31, 2024 AT 22:56

    हमारे देश की रेलवे को अमेरिका और चीन के खिलाफ बचाना है! अगर हम अपनी रेलवे को नहीं बढ़ाएंगे, तो ये देश गुलाम बन जाएगा। जो लोग बजट की आलोचना कर रहे हैं, वो देशद्रोही हैं। रेलवे हमारी शक्ति है, और हम इसे बढ़ाएंगे, चाहे बजट कम हो या ज्यादा!

  • Image placeholder

    Pallavi Khandelwal

    अगस्त 1, 2024 AT 19:31

    ये बजट तो रेलवे के लिए एक दफन है। लोग ट्रेन में बैठकर मर रहे हैं, और इन लोगों के सिर पर बजट बन रहा है? मैं रो रही हूँ। ये देश तो बस एक बड़ा नाटक है। जब तक ये नहीं बदलेगा, तब तक रेलवे के लिए कोई उम्मीद नहीं।

एक टिप्पणी लिखें