अनिल देशमुख पर नागपुर में चुनावी अभियान के अंतिम दिन पत्थरबाजी: क्या है सच्चाई?
नव॰, 19 2024अनिल देशमुख पर चुनावी अभियान के दौरान पत्थरबाजी
महाराष्ट्र की सियासत में उस वक्त एक बड़ा हड़कंप मच गया जब पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के ऊपर नागपुर के पास एक पत्थरबाजी की घटना सामने आई। यह घटना तब हुई जब वे अपने बेटे सलील देशमुख के लिए प्रचार कर रहे थे, जो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के उम्मीदवार हैं। यह घटना बीते सोमवार रात करीब 8 बजे की है।
देशमुख की कार पर पत्थर फेंके गए, जिसके चलते उन्हें सिर और कंधे में चोटें आईं। घायल अवस्था में उन्हें तत्काल कटोल के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें नागपुर के एलेक्सिस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में आगे के उपचार के लिए शिफ्ट किया गया। घटना की गंभीरता और राजनीतिक आयाम को देखते हुए पुलिस ने चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर छेड़ दिया है। एनसीपी (एसपी) के नेता और प्रवक्ता प्रवीण कुंटे ने सत्तारूढ़ भाजपा पर इस हमले के पीछे होने का गंभीर आरोप लगाया। कुंटे ने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी एमएलसी परिनय फुके को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए इसे एक बड़ी राजनीतिक साजिश बताया। एनसीपी (एसपी) ने इस हमले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, विशेषकर जब यह घटना विधानसभा चुनावों के प्रचार के अंतिम दिन हुई है।
इसके अलावा शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राऊत के अनुसार यह हमला पूर्वनियोजित था और इसका उद्देश्य अनिल देशमुख की हत्या करना हो सकता है। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने इस घटना की निंदा की और चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।
मामले की जांच में प्रगति
नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने बताया कि घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम ने जाकर तकनीकी सबूत इकट्ठा कर लिए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला कलेक्टर ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस अत्याधुनिक जांच तकनीकों का सहारा ले रही है, जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जिला शहरी प्रबंधन प्रणाली से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया जा रहा है।
इस घटना ने न केवल महाराष्ट्र में बल्कि राज्य से बाहर भी राजनीतिक नेताओं का ध्यान खींचा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इस जानलेवा हमले की सख्त निंदा की और अपराधियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की मांग की।
महाराष्ट्र चुनावों पर प्रभाव
यह घटना महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों के महत्वपूर्ण चरण में घटित हुई, जिसने महा विकास अघाड़ी और महा गठबंधन के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। दोनों गठबंधनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ गया है।
इस हमले का न केवल सियासी बल्कि सामाजिक प्रभाव भी है, जिसने आम जनता में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर भारी चिंताएं जन्म दी हैं। जबकि पुलिस ने मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया है, राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को चुनावी हथियार के तौर पर उपयोग करना शुरू कर दिया है।
राज्य के सुरक्षा तंत्र की अक्षमता को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं। घटना की सत्यता और इसके पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए व्यापक और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। हालांकि केवल भविष्य ही बताएगा कि इस मामले की जांच कहां तक जाएगी और इसके क्या नतीजे निकलेंगे। लेकिन फिलहाल, यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति में एक गंभीर मोड़ साबित हो रही है।