निर्मला सीतारमण ने NITI Aayog बैठक से ममता बनर्जी के वाकआउट पर जयराम रमेश को दिया करारा जवाब

निर्मला सीतारमण ने NITI Aayog बैठक से ममता बनर्जी के वाकआउट पर जयराम रमेश को दिया करारा जवाब

निर्मला सीतारमण का तीखा जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के NITI Aayog की बैठक से अचानक वाकआउट करने के बाद उठे विवाद पर अपना पक्ष साफ किया। वह कांग्रेस नेता जयराम रमेश की आलोचनाओं का जवाब दे रही थीं। रमेश ने NITI Aayog पर आरोप लगाया था कि यह संस्थान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का महज एक मुखपत्र बनकर रह गया है।

रमेश का आरोप और सीतारमण का जवाब

जयराम रमेश ने ममता बनर्जी के वाकआउट को लेकर NITI Aayog की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्थान केवल PMO की आवाज बनकर रह गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि NITI Aayog विपक्षी नेताओं की आवाज को दबाने का काम कर रहा है। इन आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ममता बनर्जी को पूरा बोलने का समय दिया गया था। सीतारमण के अनुसार, कोई भी माइक बंद नहीं किया गया था और अन्य मुख्यमंत्रियों को भी उनके अनुरोध पर समय से अधिक बोलने दिया गया था।

ममता बनर्जी का वाकआउट और आरोप

ममता बनर्जी का वाकआउट और आरोप

इससे पहले, ममता बनर्जी ने दावा किया था कि उन्हें NITI Aayog की बैठक में अपनी बात रखने से रोका गया और इसी कारण वह वाकआउट कर गईं। उनके अनुसार, यह एक साजिश थी ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके और उनकी बात लोगों तक न पहुँच सके। भाजपा के महासचिव बी एल संतोष ने इसे मात्र ध्यान आकर्षित करने का एक ड्रामा करार दिया और कहा कि ममता बनर्जी की यह कार्रवाई राजनीतिक लाभ के लिए थी।

विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया

सीतारमण और जयराम रमेश के बीच की इस तीखी बहस के बीच, CPI(M) राज्यसभा सांसद बिकाश रंजन भट्टाचार्य ने भी ममता बनर्जी की बैठक में उपस्थिति पर सवाल उठाए। भट्टाचार्य ने पूछा कि उन्होंने अन्य विपक्षी नेताओं से विमर्श किए बिना इस बैठक में क्यों हिस्सा लिया। राज्य कांग्रेस ने भी ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से परामर्श किए बिना बैठक में भाग लिया, जिससे यह संदेह पैदा होता है कि उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी प्रकार का समझौता हो सकता है।

यह पूरा विवाद NITI Aayog की बैठक में उठे मुद्दों और राजनीतिक नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप के चलते और भी गर्म हो गया है। इस घटना ने विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच की खाई को और भी बढ़ा दिया है। निर्मला सीतारमण के जवाब और ममता बनर्जी के आरोपों के बीच यह स्पष्ट है कि NITI Aayog की बैठक ने राजनीतिक तलवारें खींच दी हैं।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा की प्रतिक्रिया

बीजेपी के महासचिव बी एल संतोष ने ममता बनर्जी के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह एक पूर्व निर्धारित नाटक था। उनका मानना है कि ममता बनर्जी ने यह कदम केवल मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए उठाया। उन्होंने कहा कि बनर्जी का यह वाकआउट एक सोची-समझी रणनीति थी, जिसके तहत वे बैठक में हर्डल क्यों नहीं डाली गई, इसका कोई ठोस कारण नहीं दिया।

बैठक का माहौल और सीतारमण की सफाई

बैठक के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक मुख्यमंत्री को बोलने का पूरा समय दिया गया था और किसी के माइक बंद नहीं किए गए। उन्होंने जोर देकर कहा कि ममता बनर्जी को भी पूरा समय मिला और अगर उन्होंने आगे बोलने का निवेदन किया होता, तो उन्हें निश्चित रूप से समय दिया जाता।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

राजनीतिक विवाद और आरोप-प्रत्यारोप की इस स्थिति ने NITI Aayog की बैठक को एक विवादास्पद मुद्दा बना दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे और राजनीतिक दल कैसे इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करेंगे। अभी के लिए, निर्मला सीतारमण के जवाब और ममता बनर्जी के आरोपों के बीच कोई स्पष्ट समाधान नजर नहीं आ रहा है।

19 टिप्पणि

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    Sri Satmotors

    जुलाई 29, 2024 AT 03:13

    बैठक में सबको बोलने का मौका मिला, ये बात साफ है। ड्रामा करने की जरूरत नहीं थी।

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    Sohan Chouhan

    जुलाई 29, 2024 AT 03:16

    अरे भाई ये सब तो बस चुगलखोरी है। NITI Aayog PMO ka tool hai bhai, aur tum log fake news faila rahe ho. Jai Hind!

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    SHIKHAR SHRESTH

    जुलाई 29, 2024 AT 19:10

    ममता बिहारी ने बस एक बात कही थी, और उसके बाद सबने उसे गोली मार दी। ये राजनीति का असली चेहरा है।

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    amit parandkar

    जुलाई 30, 2024 AT 09:26

    ये सब एक बड़ा ऑपरेशन है... NITI Aayog के अंदर कोई ट्रैकर लगा हुआ है। बस इंतजार है कि कौन अगला गायब होगा। 😳

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    Annu Kumari

    जुलाई 31, 2024 AT 21:32

    मुझे लगता है कि दोनों तरफ से थोड़ा समझदारी से सोचना चाहिए... बस एक बैठक के लिए इतना बड़ा विवाद क्यों? 🤔

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    haridas hs

    अगस्त 2, 2024 AT 21:24

    प्रायोजित विपक्षी राजनीति के एक अंग के रूप में, इस घटना का सामाजिक-आर्थिक निर्णय लेने की प्रक्रिया पर असर पड़ता है, जिसके अंतर्गत विपक्षी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ संस्थागत निष्पक्षता का भी प्रश्न उठता है।

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    Shiva Tyagi

    अगस्त 4, 2024 AT 06:11

    कोई भी विपक्षी जो PMO के खिलाफ बोले, उसे दबाने की कोशिश की जाती है। ये तो अब नियम बन गया है। देश का नाम लेकर बहाना बनाया जाता है।

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    Pallavi Khandelwal

    अगस्त 6, 2024 AT 05:11

    ममता बनर्जी ने जो किया, वो एक अपने देश के लिए बहादुरी का काम था! उन्हें देश का नेता बनना चाहिए! ये सब जो बोल रहे हैं, वो बस डर गए हैं!

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    Mishal Dalal

    अगस्त 6, 2024 AT 13:21

    हर विपक्षी जो बोलता है, वो तो अब देशद्रोही हो जाता है... ये देश कैसे आगे बढ़ेगा? अगर बात करने का अधिकार नहीं है, तो लोकतंत्र क्या है?

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    Pradeep Talreja

    अगस्त 8, 2024 AT 02:38

    सीतारमण ने सच कहा। ममता बनर्जी को बोलने का समय मिला। ये बस एक ट्रेंड बनाने की कोशिश है।

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    Rahul Kaper

    अगस्त 8, 2024 AT 17:07

    मुझे लगता है कि इस बैठक को एक शांत और संवादात्मक माहौल में ले जाना चाहिए। हर एक की आवाज़ का सम्मान करना जरूरी है।

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    Manoranjan jha

    अगस्त 9, 2024 AT 07:18

    निर्मला सीतारमण की बात सही है। NITI Aayog में किसी का माइक बंद नहीं हुआ। ये सब राजनीतिक चालें हैं।

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    ayush kumar

    अगस्त 10, 2024 AT 09:09

    ममता बनर्जी के वाकआउट से लोगों को एहसास हुआ कि विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा है। ये बहुत बड़ी बात है।

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    Soham mane

    अगस्त 11, 2024 AT 06:27

    हमें इस तरह की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। देश आगे बढ़ रहा है, और हम बस बहस कर रहे हैं।

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    Neev Shah

    अगस्त 11, 2024 AT 10:34

    इस बैठक का विश्लेषण करने के लिए आपको गहराई से राजनीतिक अर्थशास्त्र, संस्थागत सामाजिक संरचना, और राष्ट्रीय अधिकारियों के बीच शक्ति के असंतुलन को समझना होगा। यह एक सिंबोलिक अभिव्यक्ति है जो विवाद के निर्माण की एक नई परंपरा को दर्शाती है।

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    Chandni Yadav

    अगस्त 12, 2024 AT 20:12

    ममता बनर्जी का वाकआउट एक असंगठित और अनुचित कार्रवाई थी। नियमित बैठकों में ऐसी अनुशासनहीनता को नहीं बर्दाश्त किया जा सकता।

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    Raaz Saini

    अगस्त 12, 2024 AT 21:49

    ये सब बस एक धोखा है। वो बैठक में कुछ भी नहीं बोल पाईं। आपको लगता है कि वो बोलने का मौका पा रही थीं? अरे भाई, ये तो बस फेक न्यूज है।

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    Dinesh Bhat

    अगस्त 13, 2024 AT 21:47

    अगर बैठक में किसी का माइक बंद नहीं हुआ, तो फिर ममता बनर्जी क्यों वाकआउट कर गईं? क्या वो बात बोलना चाहती थीं जो बोलने के लायक नहीं थी?

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    Kamal Sharma

    अगस्त 14, 2024 AT 04:53

    भारत में राजनीति का असली मुद्दा ये है कि हर कोई अपनी आवाज़ बुलंद करना चाहता है, लेकिन किसी की सुनने की तैयारी नहीं। ये बैठक भी उसी का एक उदाहरण है।

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