पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का शानदार प्रदर्शन: 6 पदक के साथ, 7वां पदक विनेश फोगाट के फैसले पर निर्भर

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का शानदार प्रदर्शन: 6 पदक के साथ, 7वां पदक विनेश फोगाट के फैसले पर निर्भर अग॰, 12 2024

भारत का पेरिस ओलंपिक 2024 में शानदान प्रदर्शन

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल ने एक शानदार प्रदर्शन करते हुए 6 पदक हासिल किए हैं। हालाँकि, 7वें पदक की उम्मीदें अब विनेश फोगाट के कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में जारी याचिका पर निर्भर हैं। विनेश फोगाट, जो कि भारतीय कुश्ती का जाना-माना नाम है, 50 किलोग्राम महिला कुश्ती फाइनल में 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित कर दी गईं थीं।

फोगाट की लड़ाई और अपील

विनेश फोगाट ने इस फैसले के खिलाफ CAS में अपील दायर की है। उनकी मांग है कि उन्हें एक साझा रजत पदक दिया जाए क्योंकि उनका वजन का मामूली अंतर कोई प्रतियोगी लाभ नहीं देता है। इस अपील में उनका साथ भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) भी दे रहा है। IOA ने फोगाट की अयोग्यता को असंगत बताया है और इसके खिलाफ जोरदार आवाज उठाई है। IOA की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने कहा है कि विनेश फोगाट का अब तक का करियर एक उदाहरण है और हमें उन्हें न्याय दिलाने के लिए पूरी तरह से समर्थन करना चाहिए।

टेंडुलकर और अन्य का समर्थन

टेंडुलकर और अन्य का समर्थन

विनेश फोगाट के समर्थन में क्रिकेट के महानायक सचिन तेंदुलकर भी उतरे हैं। उन्होंने कहा है कि फोगाट ने पूरे मुकाबले में निष्पक्ष जीत हासिल की थी और उन्हें रजत पदक मिलना चाहिए। फोगाट की कानूनी टीम का कहना है कि मुकाबला स्थल और एथलीट विलेज के बीच की दूरी व तंग समय-सारिणी उनके वजन समस्या का कारण बनी, न कि कोई प्रतियोगी लाभ।

फैसला और भविष्य

CAS का निर्णय रविवार को ओलंपिक समापन से पहले आने की उम्मीद है, और यह फैसला न केवल फोगाट के करियर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय खेलों में वजन संबंधी अयोग्यता के मामलों पर भी प्रतिष्ठान स्थापित कर सकता है। इस बीच, भारत के 6 पदकों ने भी एक सफल अभियान को चिह्नित किया है, जिससे देश को गर्व हो रहा है।

शानदार प्रदर्शन की कहानी

भारत के लिए यह ओलंपिक कई मायनों में खास रहा है। पदकों की संख्या तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन उस से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि यह पदक विभिन्न खेलों में जीते गए हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि देश की खेल तैयारी अब व्यापक हो चुकी है।

छवियाँ और सपने

हर भारतीय एथलीट के पीछे एक लंबी और कठिन यात्रा होती है, जो जब पदकों में परिवर्तित होती है, तो वह पूरे देश के सपनों को पंख देती है। इस बात की गवाही भारत द्वारा हासिल किए गए 6 पदक भी देते हैं। हर एक पदक के पीछे की कहानी में न केवल एथलीट की मेहनत, बल्कि उनके परिवार, कोच और देशवासियों का समर्थन भी सम्मिलित है।

खेल केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, यह एक भावना है, एक जज्बा है, जो हमें एकजुट करता है और हमें प्रेरणादायक बनाने का हर संभव प्रयास करता है। इस बार के ओलंपिक में भारत ने पूरे देश को गर्वित करने का हर संभव प्रयास किया है। हम आशा करते हैं कि आगामी खेल आयोजनों में भी हमारे एथलीट इसी प्रकार देश का नाम रोशन करेंगे।

विनेश फोगाट के फैसले का इंतजार भारतवासियों को है और हम सब यही चाहते हैं कि उन्हें न्याय मिले और वे अपने अधिकारिक पदक के साथ देश का नाम रोशन करें।