पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद मनु भाकर के कोच समरेश जंग को मिला घर तोड़ने का नोटिस

पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद मनु भाकर के कोच समरेश जंग को मिला घर तोड़ने का नोटिस अग॰, 3 2024

समरेश जंग की शिकायत और नोटिस की टाइमिंग पर सवाल

प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज मनु भाकर के कोच समरेश जंग को हाल ही में पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) की ओर से उनके घर को तोड़ने का नोटिस मिला। जंग, जो 2014 से भाकर के कोच हैं, ने इस नोटिस पर अपनी नाराजगी और स्तब्धता व्यक्त की।

समरेश ने कहा कि यह घर उनके परिवार के पास दशकों से है और इसे अवैध ढांचा कहना गलत है। उन्होंने सवाल उठाया कि नोटिस का समय और इसके पीछे की मंशा पर टिप्पणी करना महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, उन्हें इसे लेकर जो कानूनी सलाह मिल रही है, उसके अनुसार वे इस नोटिस को चुनौती देने का विचार कर रहे हैं।

खेल में योगदान और मनु भाकर की सफलता

समरेश जंग ने भारतीय खेल जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके प्रशिक्षण में मनु भाकर ने कई अवार्ड जीते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। जंग ने जोर देकर कहा कि उन्होंने और उनके शिष्यों ने देश को गर्व महसूस कराया है और इस तरह के नोटिस से उन्हें दुख हुआ है।

मनु भाकर, जिन्होंने कई विश्व स्तर की प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते हैं, ने भी इस मामले में अपने कोच के साथ खड़े होकर अपना समर्थन दिखाया है।

सार्वजनिक बहस और कानूनी कार्रवाई

सार्वजनिक बहस और कानूनी कार्रवाई

इस घटना ने खेल प्रेमियों और कानूनी जानकारों के बीच एक बड़ी सार्वजनिक बहस छेड़ दी है। कई लोगों ने इस नोटिस को गलत और अनुचित बताया है। कुछ ने इसे सरकारी अधिकारियों की क्रूरता करार दिया है।

समरेश जंग इस मामले को कानूनी रूप से लड़ने का इरादा रखते हैं। वह अपने वकीलों से सलाह लेकर इस नोटिस को चुनौती देंगे।

घटना की प्रतिक्रियाएं

खेल समुदाय ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कई वरिष्ठ खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों ने समरेश जंग के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया है। यह स्पष्ट है कि समरेश जंग और उनके परिवार को इस समय सहानुभूति और समर्थन की आवश्यकता है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला कानूनी रूप से कैसे आगे बढ़ता है और सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।

खेल और समाज में समरेश जंग की भूमिका

खेल और समाज में समरेश जंग की भूमिका

समरेश जंग का भारतीय खेलों में योगदान बेहद महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने न केवल मनु भाकर जैसे खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया है, बल्कि एक नई पीढ़ी को भी प्रेरित किया है। उनका मानना है कि खेल समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके संरक्षकों को सम्मान मिलना चाहिए।

इस प्रकार की घटनाएं खेल के पूरे ढांचे पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं और हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या हमारे खिलाड़ी और कोच वाकई सुरक्षित और संरक्षित हैं।