CSIR‑CGCRI – नवीनतम समाचार, शोध और अपडेट
अगर आप विज्ञान, ग्लास या सिरेमिक के बारे में जानना चाहते हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम CSIR‑CGCRI के बारे में सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी, हाल के प्रोजेक्ट और अपडेट एक ही पेज पर लाते हैं। आप आसानी से पढ़ सकते हैं, समझ सकते हैं और अगर चाहें तो आगे की पढ़ाई या नौकरी के लिए भी टिप्स पा सकते हैं।
CSIR‑CGCRI क्या है?
CSIR‑CGCRI, यानी सेंट्रल ग्लास एंड सिरैमिक रिसर्च इंस्टिट्यूट, नई तकनीक और सामग्री के विकास में अग्रणी है। यह संस्था भारत के आर्यभट्ट राष्ट्रीय विज्ञान परिसर में स्थित है और विभिन्न उद्योगों – जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण – के लिये हल्की, मजबूत और टिकाऊ सामग्री बनाती है। यहाँ के वैज्ञानिक रोज़ नई मिश्रधातु, सिरेमिक कोटिंग और पर्यावरण‑हितैषी ग्लास के शोध में लगे रहते हैं।
ताज़ा ख़बरें और शोध परिणाम
अब तक के कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट्स में बायोडिग्रेडेबल सिरेमिक पर्सपेक्शन, हाई‑टेम्परेचर ग्लास फाइबर और सौर ऊर्जा के लिये प्रतिविंबित कोटिंग शामिल हैं। इन शोधों से न सिर्फ भारतीय उद्योगों को फायदा होगा बल्कि निर्यात में भी नई राहें खुलेंगी। अगर आप इन प्रोजेक्ट्स के विस्तृत विवरण या परिणाम देखना चाहते हैं तो हमारे टैग पेज पर नियमित रूप से अपडेट देख सकते हैं।
इंस्टीट्यूट ने हाल ही में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया जहाँ देश‑विदेश के विशेषज्ञों ने स्मार्ट सिरेमिक और नैनो‑ग्लास के भविष्य पर चर्चा की। इस कार्यक्रम की मुख्य बातें, प्रस्तुति स्लाइड और वीडियो हमारे साइट पर उपलब्ध हैं, जिससे आप घर बैठे ही ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं।
कहीं नौकरी की तलाश में हैं? CSIR‑CGCRI हर साल रिसर्च असिस्टेंट, पोस्ट‑डॉक्टोरल फेलो और तकनीकी स्टाफ के लिये अवसर खोलता है। आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक योग्यताएँ और चयन प्रक्रिया के बारे में जानकारी यहाँ मिलती है, इसलिए जुड़े रहें और सही समय पर अप्लाई करें।
हमारा लक्ष्य है कि आप CSIR‑CGCRI की हर नई पहल से जुड़े रहें। इसके लिये हम नियमित रूप से न्यूज़लेटर, ब्लॉग और सोशल मीडिया अपडेट करते हैं। आप इस पेज को बुकमार्क करके या एलेर्ट सेट करके कभी भी कोई नई खबर मिस नहीं करेंगे।
संक्षेप में, अगर आप विज्ञान के शौकीन हैं, उद्योग में नया प्रयोग चाहते हैं या करियर की दिशा ढूँढ रहे हैं, तो CSIR‑CGCRI आपका भरोसेमंद स्रोत है। इस टैग पेज को रोज़ानी पढ़ें, प्रश्न पूछें और अपने विचार हमारे कमेंट सेक्शन में शेयर करें। आपकी रुचि ही इस साइट को और रोचक बनाती है।

कोलकाता में XXVII इंटरनेशनल कांग्रेस ऑन ग्लास (ICG) 2025 का उद्घाटन करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अब तकनीक में राह दिखा रहा है। 20-24 जनवरी तक चलने वाले इस सम्मेलन में 550 से ज्यादा प्रतिनिधि, जिनमें 150 अंतरराष्ट्रीय शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। उन्होंने ग्लास को अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, रक्षा और ऑप्टिक्स में निर्णायक बताया और अकादमी-उद्योग साझेदारी पर जोर दिया।
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