घरैलु हिंसा – क्या है, कैसे बचें और नई खबरें
घरैलु हिंसा हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करती है, खासकर महिलाओं और बच्चों को. इस टैग पेज पर हम आपको सबसे हालिया घटनाएं, कानूनी मदद और रोज़मर्रा की सुरक्षा टिप्स दे रहे हैं ताकि आप या आपके जानकार सुरक्षित रह सकें.
अगर आप नहीं जानते कि घरैलु हिंसा में क्या-क्या शामिल है, तो यहाँ छोटा सा सारांश पढ़िए. यह शारीरिक मार‑पीट, मौखिक अपमान, आर्थिक दबाव और डिजिटल दुरुपयोग तक हो सकता है. अक्सर पीड़ित अपने अधिकारों से अनभिज्ञ होते हैं या डर के कारण मदद नहीं माँग पाते.
घरैलु हिंसा की मुख्य बातें
भारत में 2019‑2023 के आंकड़ों के अनुसार हर दस में से दो महिलाएं कभी ना कभी घरेलू दुरुपयोग का सामना करती हैं. पुलिस रिपोर्टों और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ने दिखाया है कि शारीरिक चोटें सबसे आम हैं, लेकिन मानसिक दबाव की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.
कानून के हिसाब से महिलाओं को 2005 का विपक्षी घरेलू हिंसा (प्रोटेक्शन) एक्ट सुरक्षा देता है. इस कानून में पीड़ित को तुरंत शरणस्थल, आर्थिक सहायता और अदालत का आदेश मिल सकता है. लेकिन इसे लागू करवाने के लिए सही दस्तावेज़ और शिकायत प्रक्रिया समझना ज़रूरी है.
एक बार जब आप या आपका कोई जानकार हिंसा का शिकार हो, तो सबसे पहले स्थानीय पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएँ. फिर महिला हेल्पलाइन (181) पर कॉल करके तुरंत मदद माँगें. कई NGOs भी मुफ्त काउंसलिंग और कानूनी सलाह देती हैं; उनके संपर्क नंबर अक्सर समाचार लेखों में प्रकाशित होते हैं.
ताज़ा ख़बरें और मदद के उपाय
अभी हाल ही में अल्टस संस्थान पर दो बड़ी खबरें आईं: एक में दिल्ली में घरैलु हिंसा केस का हाई‑कोर्ट ने पीड़ित को 5 साल की सजा सुनाई, और दूसरे में मुंबई में एक महिला ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रैकिंग के खिलाफ कोर्ट से आदेश प्राप्त किया. इन घटनाओं से यह साफ़ होता है कि न्याय प्रणाली सक्रिय हो रही है.
यदि आप अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई आसान चेकलिस्ट मददगार होगी:
- घटना की तिथि, समय और स्थान लिखें.
- साक्ष्य – फोटो, वीडियो या मेडिकल रिपोर्ट रखें.
- निकटतम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएँ.
- हेल्पलाइन (181) पर कॉल करके तुरंत शरणस्थल का पता पूछें.
- नज़दीकी महिला फ़ोरम या NGO से कानूनी सलाह लें.
ध्यान रखें, मदद माँगना कोई शर्म की बात नहीं है. कई बार पीड़ित को सिर्फ़ सही जानकारी की जरूरत होती है, जिससे वह आगे बढ़ सके। इस टैग पेज पर आप नियमित रूप से अपडेटेड खबरें और विशेषज्ञों के टिप्स देख सकते हैं.
हमारा लक्ष्य है कि हर घर में शांति रहे और हिंसा का कोई स्थान न हो. अगर आपको या आपके जानकार को मदद चाहिए, तो ऊपर दिए गए कदम तुरंत अपनाएँ और सुरक्षित रहने की दिशा में पहला कदम उठाएँ.

ब्लेक लाइवली द्वारा अभिनीत और सह-निर्मित फ़िल्म 'इट एंड्स विद अस', कोलीन हूवर के बेस्टसेलर उपन्यास पर आधारित है। यह फ़िल्म एक प्रेम संबंध की कहानी है, जो धीरे-धीरे हिंसा में बदल जाती है। फ़िल्म ने अपने टीज़र रिलीज के पहले दिन ही 128 मिलियन व्यूज़ प्राप्त किए। इस सारांश में मशहूर अभिनेत्री के व्यक्तिगत संबंधों का भी संदर्भ है।
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