गुरु मंत्र क्या हैं और क्यों जरूरी है?
जब हम बात आध्यात्मिक साधना की करते हैं तो गुरु मंत्र सबसे पहला कदम होता है। यह छोटा-सा श्लोक आपके भीतर का तनाव कम करता है, मन को एकाग्र बनाता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है। कई लोग सोचते हैं कि मन्त्र पढ़ना जटिल है, लेकिन सही तरीका जानने पर यह बहुत आसान हो जाता है।
गुरु मंत्र सिर्फ शब्द नहीं होते, वे ऊर्जा के स्रोत हैं जो आपके अंदर की शांति को बाहर तक पहुंचाते हैं। अगर आप रोज़ 5‑10 मिनट इस अभ्यास में लगाएँगे तो फर्क तुरंत महसूस करेंगे – काम में ध्यान बढ़ेगा और रिश्तों में समझदारी आएगी.
गुरु मंत्र के प्रमुख प्रकार
हर गुरु की अपनी अनूठी ध्वनि होती है, इसलिए विभिन्न परंपराओं में अलग‑अलग मन्त्र मिलते हैं। सबसे लोकप्रिय हैं:
- ओं गुरवे नमः – यह मूल मंत्र है जो सभी गुरुओं को सम्मानित करता है।
- गायत्री गुरु श्लोक – इसे पढ़ने से ज्ञान की रोशनी बढ़ती है और निर्णय शक्ति सुधरती है।
- दुर्गा मन्त्र (गुरु स्वरुप) – कठिन समय में यह आपको हिम्मत देता है और बाधाओं को दूर करता है।
इनमें से कोई भी चुनें, बस वही आपका दिल खोलकर बोलना चाहिए। ध्यान रखें कि शब्दों की उच्चारण साफ़ हो, ताकि ऊर्जा सही दिशा में जाए.
गुरु मंत्र का अभ्यास कैसे शुरू करें?
सबसे पहले एक शांत जगह ढूँढिए – कमरे के कोने या बगीचे में जहाँ आप बिना बाधा के बैठ सकें। फिर अपने शरीर को आराम से रखिये, पीठ सीधी रखें और आँखें बंद कर लें.
अब धीरे‑धीरे मंत्र को मन में दोहराएँ। शुरुआत में 3-5 बार पर्याप्त है; जैसे-जैसे आप सहज होते जाएंगे तो इसे 21 या 108 बार तक बढ़ा सकते हैं. ध्यान रहे, तेज़ी से नहीं, बल्कि सुकून के साथ बोलें.
यदि पहली बार शब्द याद नहीं आ रहे हों तो उन्हें लिख कर रखें। कागज पर लिखे मंत्र को देखते हुए उच्चारण करने से मन की एकाग्रता बेहतर होती है।
एक और टिप – साँसों को गिनते हुए mantra पढ़ें. हर सांस के साथ “ओं” या “नमः” कहें, इससे ऊर्जा शरीर में समा जाती है.
प्रैक्टिस के बाद आप महसूस करेंगे कि आपका मन हल्का हो गया है, तनाव कम हुआ है और दिन भर की छोटी‑छोटी चीज़ों पर गुस्सा नहीं आता. यह असर रोज़मर्रा के काम में भी दिखेगा – जैसे पढ़ाई या ऑफिस का प्रोजेक्ट जल्दी पूरा होना.
जब आप गुरु मंत्र को नियमित रूप से करते हैं तो अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव देखें। कई लोग कहते हैं कि उन्होंने नई नौकरी पाई, रिश्तों में समझ बढ़ी और स्वास्थ्य बेहतर हुआ. यह सब ऊर्जा के प्रवाह की वजह से होता है.
अंत में याद रखें – गुरु का सम्मान हमेशा दिल से होना चाहिए, शब्द मात्र नहीं. अपने इरादे को शुद्ध रखें, और मंत्र आपका मार्गदर्शन करेगा.
अगर आप अभी भी अनिश्चित हैं तो अल्टस संस्थान की वेबसाइट पर जाएँ। यहाँ आप मुफ्त गाइड्स, ऑडियो रेकॉर्डिंग और विशेषज्ञ सलाह पा सकते हैं जो आपके गुरु मंत्र अभ्यास को आसान बनाएगा.
तो देर किस बात की? आज ही एक छोटा समय निकालें, अपना पसंदीदा गुरु मंत्र चुनें और शुरू करें. बदलाव आपका इंतज़ार कर रहा है!
- जुल॰, 22 2024

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