नारायण मूर्ति के ताज़ा अपडेट – क्या नया है?
अगर आप टेक वर्ल्ड में कुछ भी नहीं छोड़ना चाहते तो नारायण मूर्ति की खबरें रोज़ देखनी चाहिए। वो सिर्फ Infosys के संस्थापक ही नहीं, बल्कि भारत के सबसे बड़े डिजिटल लीडर्स में से एक हैं। यहाँ पर हम उनके हालिया प्रोजेक्ट्स, इंटरव्यू और सोशल मीडिया एक्टिविटी को आसान भाषा में समझेंगे।
नारायण मूर्ति के करियर की मुख्य बातें
1991 में Infosys का साथ मिलकर उन्होंने भारत की आईटी इंडस्ट्री को एक नई दिशा दी। शुरुआती दौर में कंपनी सिर्फ सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट करती थी, लेकिन अब क्लाउड, AI और डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन में भी आगे है। मूर्ति अक्सर कहते हैं कि ‘टेक्नोलॉजी का असली मकसद लोगों की ज़िन्दगी आसान बनाना है’। यही बात उनके कई सार्वजनिक भाषणों में दोहराई जाती है।
उन्हें 2011 में भारत सरकार ने ‘पडोसी एंटरप्रेन्योर’ नामक योजना के दूत बनाए थे। इस पहल से छोटे व्यवसायियों को डिजिटल टूल्स अपनाने में मदद मिलती है। मूर्ति की टीम ने कई सत्र आयोजित किए जहाँ ग्रामीण उद्यमियों को ई‑कॉमर्स, मोबाइल पेमेंट और क्लाउड सर्विसेज़ के बारे में बताया गया।
नवीनतम अपडेट्स और विचार
पिछले हफ़्ते उन्होंने एक ऑनलाइन फ़ोरम में कहा कि AI का उपयोग केवल बड़े कंपनियों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि छोटे स्टार्ट‑अप्स को भी इस तकनीक से लाभ मिलना चाहिए। इसके लिए Infosys ने ‘AI for All’ नाम की ट्रेनिंग प्रोग्राम लॉन्च किया है, जिसमें मुफ्त सर्टिफ़िकेशन उपलब्ध है। यह पहल बहुत पसंद की जा रही है क्योंकि अब कई युवा डेवलपर इसे अपनी स्किल सेट में जोड़ रहे हैं।
एक और खबर में बताया गया कि मूर्ति ने हाल ही में एक नई डिजिटल शिक्षा प्लेटफ़ॉर्म पर काम शुरू किया है, जिसका नाम ‘LearnNext’ है। इसका लक्ष्य भारत के 10 लाख स्कूलों को ऑनलाइन लर्निंग टूल्स देना है, ताकि शैक्षणिक अंतर घटे। उन्होंने कहा, “शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाना हमारे देश की सबसे बड़ी ज़रूरत है।”
सामाजिक मीडिया पर उनकी पोस्ट भी काफी चर्चा में रहती हैं। Instagram और Twitter पर उनका फॉलोवर्स बेस अब 2 मिलियन से ऊपर है। अक्सर वह छोटे उद्यमियों को प्रेरित करने वाले मोटिवेशनल टिप्स शेयर करते हैं, जैसे ‘कड़ी मेहनत और सही दिशा दोनों चाहिए’ या ‘सफलता का रास्ता हमेशा आसान नहीं होता’।
अगर आप उनके विचारों को गहराई से समझना चाहते हैं तो अल्टस संस्थान की इस टैग पेज पर हर नया लेख पढ़ें। हम रोज़ाना मूर्ति के इंटरव्यू, प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनकी कंपनी की नई पहल को संक्षेप में लाते हैं। इससे आप न सिर्फ उनके बिज़नेस स्ट्रेटेजी जान पाएँगे बल्कि अपने करियर या स्टार्ट‑अप के लिए उपयोगी टिप्स भी ले सकेंगे।
आखिर में, याद रखें कि नारायण मूर्ति का सबसे बड़ा संदेश है – ‘इनोवेशन को कभी रुकने न दो’। चाहे वह छोटे शहर की स्कूल हो या मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन, उनका लक्ष्य सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाना है। इस टैग पेज पर आप हर दिन नई प्रेरणा पाएँगे और अपने कदम आगे बढ़ा सकेंगे।
- नव॰, 11 2024

इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी सुधा मूर्ति ने द ग्रेट इंडियन कपिल शो में हिस्सा लिया, जहां सुधा ने पहली मुलाकात का एक हास्यास्पद किस्सा साझा किया। नारायण की टैक्सी खराब हो गई, जिससे वह दो घंटे देर से पहुंचे, जो सुधा के पिता को बिल्कुल पसंद नहीं आया। सुधा के पिता, जो एक प्रोफेसर थे, नारायण की करियर योजनाओं से भी प्रभावित नहीं हुए, जिसमें राजनीति में शामिल होना और आश्रय खोलना शामिल था।
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