NITI Aayog – क्या है और अभी क्या चल रहा है?
अगर आप भारत के विकास को समझना चाहते हैं तो NITI Aayog की खबरें देखनी ज़रूरी हैं। यह संस्था सरकार की नीति बनाते समय सुझाव देती है, नई योजना तैयार करती है और राज्य‑केन्द्र सहयोग बढ़ाती है। सरल शब्दों में कहें तो, यह देश की बड़ी समस्या का समाधान ढूँढने वाला टीम है।
हाल के मुख्य घोषणाएँ
पिछले कुछ हफ्तों में NITI Aayog ने कई अहम फैसले लिये। सबसे पहले एकीकृत पेंशन योजना (UPS) की घोषणा हुई। 1 अप्रैल 2025 से यह सभी केंद्र कर्मचारियों को नौकरी‑के‑बाद गारंटी वाली पेंशन देगा, जिससे बुजुर्गों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
दूसरी बड़ी बात है भारत के $10 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य की दिशा में युवा शक्ति पर भरोसा। NITI Aayog ने बताया कि अगर हर साल 7‑8 मिलियन युवाओं को सही नौकरी मिले तो यह सपना पूरा हो सकता है। इस योजना में स्किल ट्रेनिंग, स्टार्ट‑अप फंड और उद्योगों के साथ साझेदारी शामिल है।
एक और ध्यान देने योग्य पहल है नई पेंशन योज़ना का एकीकरण जो पुराने व राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं को मिलाकर अधिक पारदर्शिता लाएगा। इससे कर्मचारियों को अपने भविष्य की योजना बनाना आसान होगा।
आपके लिए उपयोगी टिप्स
अगर आप केंद्र कर्मचारी हैं तो UPS के बारे में अभी से जानकारी इकट्ठा कर लें – जैसे कि पेंशन का हिसाब‑किताब, आवेदन प्रक्रिया और समय सीमा। सरकारी पोर्टल पर अक्सर FAQ सेक्शन अपडेट रहता है, उसे पढ़ना फायदेमंद रहेगा।
युवा वर्ग के लिए स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। NITI Aayog की वेबसाइट पर ट्रेनिंग कोर्स, ऑनलाइन वर्कशॉप और इंटर्नशिप के लिंक मिलते हैं। इन्हें देखकर आप अपनी नौकरी खोज में आगे बढ़ सकते हैं।
यदि आप निवेशक या उद्यमी हैं तो नई आर्थिक नीतियों का असर समझना ज़रूरी है। $10 ट्रिलियन लक्ष्य से जुड़े सेक्टर – जैसे रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल सेवाएँ और हेल्थ टेक्नोलॉजी – में निवेश करने पर बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
आखिर में, NITI Aayog की अपडेटेड रिपोर्टें और प्रेस रिलीज़ नियमित रूप से पढ़ें। इससे आपको नीतियों के बदलाव और अवसरों का पता चलेगा, चाहे आप नौकरी चाहने वाले हों या कंपनी चला रहे हों।
- जुल॰, 28 2024

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश की NITI Aayog की आलोचना पर करारा जवाब दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक से वाकआउट कर दिया था। रमेश ने NITI Aayog को पक्षपाती करार देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय का मुखपत्र बताया था। सीतारमण ने कहा कि बनर्जी को पूरा बोलने का समय दिया गया और उनके माइक बंद नहीं किए गए।
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